चंदे को तरसी बाबरी! फिलहाल मस्जिद को दी गयी जमीन पर क्रिकेट खेल रहे बच्चे

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ABC NEWS: सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले का निपटारा करते हुए दोनों पक्षों को जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के निर्देश पर राम जन्मभूमि को जो जमीन दी गई. उस पर श्रीराम मंदिर का भव्य  निर्माण जोरों पर चल रहा है. जनवरी 2024 में श्रीराम मंदिर का उद्घाटन भी कर दिया जाएगा. वहीं, बाबरी मस्जिद को जो जमीन दी गई. अभी तक उस पर काम भी नहीं शुरू हो पाया है. बताया जा रहा है कि चंदे की कमी के चलते मस्जिद के निर्माण में देरी हो रही है. जिस जमीन पर बाबरी मस्जिद बननी है. वहां पर बच्चे अभी क्रिकेट खेल रहे हैं.

लोगों के मन में यहां सवाल उठ रहा है कि भगवान श्रीराम का मंदिर तो अयोध्या में बन रहा है. आखिर बाबरी मस्जिद का निर्माण कहां पर होना है? जिसके लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. बता दें कि लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर धन्नीपुर गांव पड़ता है. जो अयोध्या से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. धन्नीपुर गांव रौनाही थाना क्षेत्र में पड़ता है.

लोग इस गांव के बारे में कर रहे पूछताछ

अयोध्या के पास पड़ने वाला इस छोटे से गांव को जहां लोग पहले नहीं जानते थे. अब देश से लेकर विदेशों तक इस नाम को सभी जानने लगे हैं. इसकी प्रमुख वजह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बाबरी मस्जिद के लिए दी गई जमीन है. पहले हाईवे पर यात्रा करने वाले अधिकांश लोग भी इस गांव के बारे में नहीं जानते थे. लेकिन अब कई लोग इस गांव के बारे में पूछताछ करने लगे हैं.

गांव में 60 प्रतिशत है मुस्लिम आबादी

धन्नीपुर में ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को हाईवे से 200 मीटर की दूरी पर मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दी गई है. यह जमीन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दी गई है. अगर इस गांव की आबादी की बात करें तो यहां 60 प्रतिशत मुसलमान हैं. बाकी ज्यादातर यादव हैं. यहां पर पहले से ही कई मस्जिदें हैं. गांव में मस्जिद के लिए जो जगह खाली पड़ी है. बच्चें वहां पर अभी क्रिकेट खेलते हैं.

मस्जिद निर्माण की लागत 4 से 5 करोड़

धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण कार्य का जिम्मा इंडो इस्लामिक संस्था को दी गई है. इंडो इस्लामिक संस्था के सेक्रेटरी अतहर हुसैन ने बताया कि जल्द ही मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू होने वाला है. मस्जिद बनने की लागत लगभग 4 से 5 करोड़ रुपये है. जिसमें अभी तक जो चंदा आया है. वह लगभग 50 लाख रुपये का है.

हॉस्पिटल निर्माण के लिए नहीं इकट्ठा हुआ एक भी पैसा

अतहर हुसैन ने बताया कि इंडो इस्लामिक संस्था द्वारा पहले ये प्लान बनाया गया था की मस्जिद के साथ-साथ एक चैरिटेबल हॉस्पिटल भी बनाया जाएगा. जिसका बजट 300 करोड़ रुपये रखा गया था. लेकिन अभी हॉस्पिटल के लिए कोई भी पैसा जमा नहीं हो पाया है. इसलिए संस्था द्वारा अब सबसे पहले मस्जिद का काम शुरू कराया जाएगा. बहुत जल्द मस्जिद का नक्शा पास कराने के लिए भेजा जाएगा. 3 से 4 महीने के अंदर धन्नीपुर में मस्जिद का काम शुरू हो जाएगा.

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