कानपुर में 91 शत्रु संपत्तियों पर चल सकता है बाबा का बुलडोजर, प्रशासन हुआ सक्रिय

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ABC NEWS: कानपुर में 91 शत्रु संपत्तियां चिह्नित हैं जिसमें नौ को शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है, जबकि अन्य संपत्तियों को लेकर जांच की प्रक्रिया चल रही है. इसमें भी तीन संपत्तियों का मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. इस पर स्टे लगा हुआ है. शत्रु संपत्तियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सरकार की मंशा स्पष्ट किए जाने के बाद अब जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है. हाई कोर्ट सें जिन संपत्तियों पर स्टे है, उन्हें निरस्त कराने के लिए अर्जी देने की तैयारी की जा रही है.

जिलाधिकारी विशाख जी का कहना हैं कि संपत्तियों पर जांच चल रही है. कुछ संपत्तियों की संस्तुति रिपोर्ट शत्रु संपत्ति अभिरक्षक को भेजी गई है. वहां से दिशा निर्देश आने के बाद संपत्तियों को शत्रु घोषित किया जाएगा.

बेकनगंज के रामजानकी मंदिर पर भी होना है निर्णय

बेकनगंज के डा. बेरी चौराहा स्थित रामजानकी मंदिर का अस्तित्व मिटाकर मुख्तार बाबा ने यहां बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट खोल दिया. साथ ही उसने पाक नागरिक आबिद रहमान की संपत्ति 88/21 दारुल मौला, 99/14 रामजानकी मंदिर और आबिद रहमान की बुआ आमना खातून की 99/187 कंघी मोहाल की संपत्ति पर भी कब्जा कर लिया था. प्रशासन ने इन तीनों संपत्तियों के मामले में अपनी संस्तुति रिपोर्ट शत्रु संपत्ति अभिरक्षक को भेज दी है.

1.61 करोड़ का लोन ले चुका है

मुख्तार बाबा ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से 99/146 बशीर स्टेट हीरामन का पुरवा की शत्रु संपत्ति पर अपनी पत्नी गुलशन जहां, दामाद शाहिद आलम, बेटी आयशा नाज, दामाद परवेज अहमद, बेटी अंजुम आरा के नाम पर 1.61 करोड़ का लोन लिया था। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने बैंक से दस्तावेज मांगे लेकिन फंसने के डर से मुख्तार ने इस लोन का सेटलमेंट कर लिया.

एक करोड़ का नियम भी होगा बेअसर

शासन की मंशा के बाद माना जा रहा है कि शत्रु संपत्ति अभिरक्षक द्वारा संपत्तियों के मूल्याकंन के आधार पर नीलामी प्रक्रिया का फायदा अब नहीं मिलेगा. दरअसल एक करोड़ रुपये से कम मूल्य की संपत्ति होने पर संपत्ति पर रहने वालों को ही उसको खरीदने का पहला अवसर दिया जाता है जबकि एक करोड़ मूल्य से अधिक होने पर निर्णय शत्रु संपत्ति अभिरक्षक लेते हैं लेकिन अब माना जा रहा है कि जो भी संपत्ति शत्रु घोषित होगी, वहां अवैध रूप से रहने वालों को कब्जा छोड़ना ही होगा.

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