ABC News: यूपी एटीएस ने कानपुर में बड़े एक्शन को अंजाम दिया है. एटीएस ने यहां पर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए अभियुक्तों के पास से सिम बॉक्स, प्री-एक्टीवेटेड सिमकार्ड, अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं. बरामदगी के आधार पर एटीएस ने दावा किया है कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
यूपी एटीएस के पास कई दिनों से इस बात की सूचना आ रही थी कि कानपुर में इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास कर विदेशों से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल्स, जिसमें कि अधिकतर मिडिल ईस्ट के देशों से जुड़ी होती थीं, उन्हें अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के माध्यम से लोकल कॉल्स में परिवर्तित किया जा रहा है. एटीएस के अनुसार, इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास करने की वजह से कॉलर की पहचान संभव नहीं होती, इससे कट्टरपंथी, हवाला, टेरर फंडिंग जैसी बातों की आशंका बनी रहती है. इसके साथ ही राजस्व को भी नुकसान पहुंचता है. एटीएस के एडीजी ने अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी और पुलिस उपाधीक्षक को एक्शन लेने के निर्देश दिए थे. इसी के तहत एटीएस ने एक्शन लेते हुए कानपुर से मिर्जा असद और शाहिद जमाल को गिरफ्तार किया.
एटीएस को इनके पास से 13 एक्टिव सिम बॉक्स, चार सीलबंद सिमबॉक्स, चार हजार प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड, मॉडम, राउडर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं. एटीएस ने इसे अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी बताया है. गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड मुंबई निवासी नाजिम खां है. नाजिम की तरफ से अवैध एक्सचेंज को टीम व्यूअर के माध्यम से कॉनफिगर किया जाता था और फिर इंटरनेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को इंटरनेशनल गेटवे बाईपास कराकर सिम बॉक्स पर लैंड कराया जाता था. जिससे इंटरनेट कॉल नॉर्मल वॉयस कॉल में परिवर्तित हो जाती थी और कॉल रिसीव करने वाले को कॉल करने वाले व्यक्ति के नंबर के स्थान पर सिमबॉक्स में लगे सिमकार्ड का नंबर प्रदर्शित होता था. इससे कॉलर की पहचान नहीं हो पाती है.