आषाढ़ मासिक शिवरात्रि आज: भद्रा में कैसे होगा व्रत ? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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ABC NEWS: आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि आज 16 जून शुक्रवार को है. आज पूरे दिन धृति योग बना है. यह पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. आपको जानना चाहिए कि हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. आज सुबह में त्रयोदशी तिथि है, लेकिन चतुर्दशी तिथि में निशिता पूजा मुहूर्त आज रात ही प्राप्त हो रहा है क्योंकि कल सुबह चतुर्दशी तिथि खत्म हो जा रही है. इस वजह से आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का व्रत आज रखना सही है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का मुहूर्त, भद्रा समय, व्रत और पूजा विधि.

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त
आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: आज, शुक्रवार, सुबह 08 बजकर 39 मिनट से
आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, शनिवार, सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर
शिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: आज, देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
सुबह में शिव पूजा मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक
दोपहर में शुभ-उत्तम मुहूर्त: 12 बजकर 22 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक

कब से कब तक है भद्रा?
आज आषाढ़ मासिक शिवरात्रि के दिन भद्रा का साया है. यह भद्रा सुबह 08 बजकर 39 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 52 मिनट तक है. इस भद्रा का वास स्वर्ग लोक में है, इसलिए इसका दुष्प्रभाव पृथ्वी लोक पर नहीं होगा. ऐसे में आप आज आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का व्रत रखकर शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं.

मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि
जिन लोगों का आज आषाढ़ मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा करनी है, वे लोग स्नान करके व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें. ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करते हुए शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ की पूजा करें. शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का जल और गाय के दूध से अभिषेक करें. उसके बाद वस्त्र, जनेऊ, चंदन, फूल, माला, अक्षत् से शिवजी को सुशोभित करें.

इसके बाद शिवजी को बेलपत्र, भांग, मदार का फूल, धतूरा, शमी के पत्ते, शहद, शक्कर, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का मन में जाप करते रहें. फिर शिव चालीस, शिव रक्षा स्तोत्र, मासिक शिवरात्रि व्रत कथा सुनें. उसके बाद शिवजी की आरती करें. यदि किसी मंत्र की सिद्धि करनी है तो निशिता मुहूर्त में पूजा करें और उसका जाप करें.

शिवरात्रि पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांग लें और भगवान भोलेनाथ से मन की मुराद पूरी करने की प्रार्थना करें. पूजा के बाद रात के समय में जागरण करें. अगले दिन सुबह स्नान ध्यान के बाद पूजा पाठ कर लें. अपनी क्षमता के अनुसार किसी गरीब ब्राह्मण को दान और दक्षिणा दें. फिर पारण करके मासिक शिवरात्रि व्रत को पूर्ण करें.

प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी

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