यूपी में एक और माफिया डॉन खान मुबारक का जेल में ही अंत, आला अधिकारी पहुंचे

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ABC NEWS: यूपी के एक और माफिया डॉन खान मुबारक का जेल में ही अंत हो गया है. हरदोई जेल में बंद खान मुबारक को सोमवार दोपहर करीब तीन बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था. वहां पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया. उसे लाने वालों ने निमोनिया बताया था. हालांकि मौतका कारण अभी स्पष्ट नहीं है. आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा. हर एंगल से जांच की बात कही जा रही है. कुछ समय पहले खान मुबारक को महाराजगंज से हरदोई जेल शिफ्ट किया गया था. उस पर 40 से अधिक मुकदमे हैं। घटना की जानकारी के बाद जेल और उसके आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ माह में किसी न किसी कारण से माफिया की मौत या हत्या के मामले सामने आ रहे हैं. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में 15 अप्रैल को हत्या के बाद हाल ही में लखनऊ में हत्याकांड हुआ था. इसमें कोर्ट कैंपस में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या कर दी गई थी. इससे पहले मुख्तार अंसारी के सहयोगी कुख्यात मुन्ना बजरंगी और फिर मेराज की जेल के अंदर हत्या कर दी गई थी. एनकाउंटर में भी दुर्दांत विकास दुबे समेत कई बड़े अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया है.

खान मुबारक के भाई जफर सुपारी का रिश्ता अंडरवर्ल्ड और छोटा राजन से बताया जाता रहा है. खान मुबाकर पहले इलाहाबाद व आसपास के क्षेत्रों में ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था, बाद में उसने अंबेडकर नगर को ही अपराध का अड्डा बना लिया. खान मुबारक अपराध की दुनिया का एक ऐसा नाम बन चुका था जिससे जिले में ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में भी लोग खौफ खाते थे. खान मुबारक अंबेडकर नगर जिले के हसवर थाना क्षेत्र के ग्राम हरसम्हार का रहने वाला था.

काला घोड़ा हत्याकांड के बाद चर्चा में आया
खान मुबारक काला घोड़ा हत्या कांड के बाद चर्चा में आया था और छोटा राजन गिरोह का हिस्सा था. छोटा राजन से मिलकर इसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खिलाफ गैंग तैयार किया था. जफर सुपारी ने भी 15 साल की उम्र में ही गांव के एक लड़के की हत्या कर अपराध की दुनिया मे कदम रखा था. मुंबई के काला घोड़ा इलाके में 16 अक्तूबर 2006 को पुलिस की वैन दो कैदियों को लेकर कोर्ट में पेशी के लिए जा रही थी. उसी समय वैन को चारों ओर से घेरकर अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी. गोलियों की तड़तड़ाहट उस वक्त रुकी जब गाड़ी में बैठे दोनों कैदियों के जिस्म ठंडे हो गए. गोली मारने वाले बदमाश सरेआम वहां से निकले और कुछ ही मिनटों में भीड़ में गुम हो गए.

दिनदहाड़े पुलिस की वैन में दो अपराधियों के मारे जाने से मुंबई में तहलका मच गया. पुलिस ने जब मामले का खुलासा किया तो पता चला कि दोनों हत्याएं दाऊद और छोटा राजन के गैंगवार का नतीजा थीं. खुलासे में सबसे चौंकाने वाली बात थी कि शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटर इलाहाबाद के थे. उस समय पहली बार पता चला कि अंडरवर्ल्ड की जड़े इलाहाबाद तक पहुंच गईं हैं. इस कांड में शहर के अपराधी बच्चा पासी, जफर मुबारक और खान मुबारक को मुंबई क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था.

रन आउट होने पर अंपायर को मारी थी गोली
तकरीबन एक दशक पूर्व इलाहाबाद में पढ़ाई करने के दौरान खान मुबारक ने क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर द्वारा रन आउट देने पर अंपायर को गोली मार अपराध की दुनिया में दस्तक दी थी. इसके बाद खान मुबारक ने इलाहाबाद में एक पोस्ट आफिस को लूट कर जरायम की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत की. अंबेडकर नगर में इसने पहली हत्या एक भट्ठा व्यवसायी एवं ट्रांसपोर्टर ऐनुद्दीन की हत्या मामूली विवाद में की थी.

वसूली में रोड़ा बने बसपा नेता की हत्या की 
खान मुबारक की अंबेडकर नगर जिले में रंगदारी और वसूली बढ़ गई थी। उसकी वसूली के रास्ते में रोड़ा बन रहे बसपा नेता जुरगाम मेहंदी पर वर्ष 2017 में हमला कराया। जिसमें मेहंदी को 6 गोलियां मारी गईं लेकिन वे बच गए, इसके बाद वर्ष 2018 में खान मुबारक ने जुरगाम मेहंदी पर दोबारा हमला कराया. इस हमले में मेहंगी और उनके ड्राइबर की मौत हो गई. बसखारी में पेट्रोल पंप व्यवसाई और आजमगढ़ में ओसामा की हत्या में भी खान मुबारक का नाम आया था.

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