ABC News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से ‘मन की बात’ के 92 वें एपिसोड में कई विषयों पर देशवासियों से सीधा संवाद किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव, अमृत सरोवर अभियान, डिजिटल इंडिया और ग्रामीण भारत की सफलता की कहानियों का जिक्र करते हुए देशवासियों से अगले महीने शुरू हो रहे पोषण अभियान से जुड़ने की अपील की है. इसी के साथ उन्होंने देश में आने वाले त्योहारों का जिक्र करते हुए उनमें छिपी प्रेरणा से सीख लेने का संदेश देते हुए अपने मन की बात के इस एपिसोड को पूरा किया.
आजादी के अमृत महोत्सव में बने अमृत सरोवर
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘आजादी का अमृत महोत्सव अगले साल यानी अगस्त 2023 तक चलेगा. देश के लिए, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए, जो लेखन-आयोजन आदि हम कर रहे थे, हमें उन्हें और आगे बढ़ाना है. आजादी के इस महीने में हमारे पूरे देश में, हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृतधारा बह रही है. लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग नए प्रयास किए. हमने स्वच्छता अभियान और वैक्सीनेशन अभियान में भी देश की इस ताकत को देखा था. अमृत महोत्सव में हमें फिर देशभक्ति का वैसा ही जज़्बा देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही पूरे देश में अमृत सरोवर बनाने को लेकर तेजी से काम हो रहा है.’
देश में पोषण अभियान तेज करने की अपील
पीएम मोदी ने कहा कि पूरे देश को इस अमृत सरोवर अभियान के अलावा सभी को अगले महीने सितंबर में शुरू हो रहे पोषण अभियान में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए. इस अभियान के तहत देश से कुपोषण को दूर भगाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि आप आने वाले पोषण माह में कुपोषण को दूर करने के प्रयासों में हिस्सा जरुर लें. कुपोषण की समस्या का निराकरण इन कदमों तक ही सीमित नहीं है. इस लड़ाई में, दूसरी कई और पहल की भी अहम भूमिका है.
पोषण माह में बढ़े भूमिका
पीएम मोदी ने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर, जल जीवन मिशन को ही लें, तो भारत को कुपोषणमुक्त कराने में इस मिशन का भी बहुत बड़ा असर होने वाला है. देश में लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल डिवाइस देने से लेकर आंगनबाड़ी सेवाओं की पहुंच को मॉनिटर करने के लिए पोषण ट्रैकर ऐप भी लॉन्च किया गया है. सभी प्रभावित जिलों और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में 14 से 18 साल की बेटियों को भी पोषण अभियान के दायरे में लाया गया है. इसलिए हम हर साल 1 से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाते हैं. इसलिए इस आने वाले महीने में पोषण अभियान से जुड़कर लोगों को इस नेक अभियान में भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए.’
डिजिटल इंडिया ने बदली तस्वीर
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश में इंटरनेट से हो रही क्रांति का जिक्र करते हुए कहा, ‘जो सुविधाएं कभी सिर्फ बड़े शहरों में होती थी वो अब डिजिटल इंडिया के जरिए गांव-गांव में पहुंचा दी गई हैं. इंटरनेट ने युवा साथियों की पढ़ाई और सीखने के तरीकों को ही बदला है. कॉमन सर्विस सेंटर की तरह ही Government E- market place यानी GEM portal पर लोगों की कामयाबी की नई-नई कहानियां देखने को मिल रही हैं. इसलिए आप मुझे गावों के डिजिटल इंटरप्रेन्योर्स के बारे में, ज्यादा-से-ज्यादा लिखकर भेजें, और उनकी सफलता की कहानियों को सोशल मीडिया पर भी जरूर साझा करें.
मोटे अनाज का चलन बढ़े
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज दुनिया भर में मोटे अनाज यानी मिलेट्स का चलन बढ़ रहा है. कई लोग तो इसे सुपर फूडनभी बोलते हैं. इसके अनेक लाभ हैं. कुपोषण से लड़ने में भी मोटा अनाज कारगर और लाभदायक हैं. क्योंकि ये प्रोटीन के साथ-साथ एनर्जी से भरे होते हैं. मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं. हमारी संस्कृति की ही तरह मोटे अनाज में भी बहुत विविधताएं पाई जाती हैं. ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुट्टू ये सब मोटे अनाज का ही रूप हैं. भारत, विश्व में Millets का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इनकी पैदावार बहुत कम समय में तैयार हो जाती है. इसमें ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है. मोटापा कम करने के साथ ही डाइबिटीज, हाईपरटेंशन और दिल की बीमारियों के खतरे को भी मोटा अनाज खाकर कम किया जा सकता है. ये पेट और लीवर की बीमारियों से बचाव में भी मददगार हैं. देश में आज Millets को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है. इससे जुड़ी रिसर्च और नवाचार पर फोकस करने के साथ ही इनका काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि इनका उत्पादन बढ़ाया जा सके. मुझे ये देखकर काफी अच्छा लगता है कि आज कई ऐसे Start-Ups उभर रहे हैं, जो Millets पर काम कर रहे हैं. इसके बने पकवान बहुत गुणकारी होते हैं. ऐसे में आप अपने घरों में बने ऐसे पकवानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जरूर साझा करें ताकि लोग जागरूक हो सकें.’
त्योहारों की शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने जल्द ही आने वाले तीज त्योहारों का जिक्र करते हुए कहा, ‘अभी कुछ दिन बाद ही भगवान गणेश की आराधना का पर्व गणेश चतुर्थी है. गणेश चतुर्थी, यानी गणपति बप्पा के आशीर्वाद का पर्व. गणेश चतुर्थी के पहले ओणम का पर्व भी शुरू हो रहा है. विशेष रूप से केरला में ओणम शांति और समृद्धि की भावना के साथ मनाया जाएगा. 30 अगस्त को हरतालिका तीज भी है. ओडिशा में 1 सितंबर को नुआखाई का पर्व भी मनाया जाएगा. नुआखाई का मतलब ही होता है, नया खाना, यानी, ये भी, दूसरे कई पर्वों की तरह ही, हमारी, कृषि परंपरा से जुड़ा त्योहार है. आगे जैन समाज का संवत्सरी पर्व भी होगा. हमारे ये सभी पर्व, हमारी सांस्कृतिक समृद्धि और जीवंतता के पर्याय हैं. मैं, आप सभी को इन त्योहारों और विशेष अवसरों के लिए शुभकामनाएं देता हूं. इन पर्वों के साथ-साथ 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद जी की जन्मजयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाएगा. हमारे युवा खिलाड़ी वैश्विक मंचों पर हमारे तिरंगे की शान बढ़ाते रहें, यही हमारी ध्यानचंद जी के प्रति सच्ची श्रद्दांजलि होगी. देश के लिए हम सभी मिलकर ऐसे ही काम करते रहें, देश का मान बढ़ाते रहें, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं.’