ABC NEWS: बिहार के दानापुर के दिव्यांग अर्जित की किस्मत खुल गई है. सड़क पर कभी लावारिस मिला अर्जित अब अमेरिका जाएगा. गुरुवार को वॉशिंगटन से आए दंपती ने अर्जित को गोद लिया है. 3 साल पहले इस मासूम बच्चे को उसके माता-पिता मरने के लिए उसे सड़क पर छोड़ गए थे लेकिन किस्मत ने उसका ऐसा साथ दिया कि अब वो अमेरिका के डॉक्टर दंपति की संतान कहलाएगा. दानापुर के अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप सिंह ने इसके लिए अपनी सहमति दी है. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद अमेरिका से आए डॉ दंपती ने बच्चे को पासपोर्ट बनाने के लिए उसकी ऑनलाइन आवेदन अप्लाई किया है. पासपोर्ट प्राप्त होते ही बच्चे को अपने साथ लेकर अमेरिका चले जाएंगे.अमेरिका के डॉक्टर दंपती करलिन राय मिलर और कैथरिन सुचिलिवन मिलर ने अर्जित को गोद लिया है.
3 साल पहले मिला था बच्चा
तीन साल पहले विक्रम थाना के भादवा गांव से दानापुर की एक निजी संस्था ने एक लावारिस बच्चे को अपनाया था. काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्चे के परिजन का पता नहीं चला तो संस्था की ओर से बच्चे का पालन पोषण शुरू किया गया. इसी बीच अमेरिका से आए डॉक्टर दंपती ने उस लावारिस बच्चे को गोद लेने की इच्छा जाहिर की. अमेरिका के डॉक्टर दंपती ने सृजनी दत्तक संस्थान पहुंचकर सारी आवश्यक प्रक्रिया पूरी की. जिला बाल संरक्षण के सहायक निदेशक उदय कुमार की मौजूदगी में अर्जित को गोद लिया. इस मौके पर एसडीओ प्रदीप सिंह ने कहा कि अर्जित को दत्तक पिता- माता मिल गए हैं.
आपको बता दें अमेरिका के डॉक्टर दंपती की पहले से दो बेटे और एक बेटी है. और अब अर्जित भी उनका बेटा हो गया है. ये दंपती चार साल पहले भारत आए थे. भारत की संस्कृति और सभ्यता से प्रभावित होकर बच्चे को गोद लेने का विचार किया था. जो आब पूरा होता दिख रहा है. जिस बच्चे अर्जित को गोद लिया है, वो दिव्यांग हैं, जन्म से ही उसका होंठ कटा है और बाएं हाथ की कलाई नहीं है. फिलहाल अब अर्जित की जिंदगी अमेरिका में ही बीतेगी.