ABC NEWS: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे राम मंदिर समारोह के लिए आमंत्रण अब तक नहीं मिला है. मुझे पता चला है कि मेरे लिए 22 जनवरी को निमंत्रण कोरियर के माध्यम से भेजा गया लेकिन यह कोरियर मुझे आज तक प्राप्त नहीं हुआ है. मीडिया के लोग ही मुझे भेजे गए कोरियर की रसीद उपलब्ध करवा दें. इस तरह मुझे अपमानित किया जा रहा है. अखिलेश ने यह भी कहा कि अयोध्या राम मंदिर में दिव्यांगों, बुजुर्गों और बच्चों को जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है जबकि दुनिया में सभी जगह बड़े भवन को बनाने में इस बात का विशेष रखा जाता है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में विवेकानंद जयंती पर उन्हें याद किया और मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं. उन्होंने सीट शेयरिंग को लेकर कहा कि कांग्रेस से राम गोपाल जी की बात चल रही है. 2019 और 2022 चुनाव नतीजों का आंकड़ा हम लोगों के सामने है.
विवेकानंद को याद करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कम ही ऐसे लोग है जिनसे लोगों ने प्रेरणा ली है. विवेकानंद इन्हीं लोगों में शामिल थे. उन्होंने शिकागो में जो भाषण दिया. उसमें भारत व उस संस्कृति की बात थी. उन्होंने गरीब की सेवा का मंत्र दिया. भाजपा का रास्ता वह नहीं है जो विवेकानंद ने दिया, जबकि यह कहा बीजेपी ने नौकरियों का रास्ता आगे के लिये खत्म किया जा रहा है. पीडीए सपा व समाज वाद को दिशा देंगे। खुद आर्मी चीफ ने कहा कि 27 तक एक लाख सेना कम हो जेएगी. अग्निवीर योजना पीडीए को रोकने के लिये लाई गई है. पहले सेना में पीडीए की भर्ती होती थी. इवेंट के जरिये सरकार जनता का ध्यान भटक गया। हमें अपमानित किया गया.
मंत्री नंदी ने अखिलेश पर बोला था हमला
आपको बता दें कि हाल में ही योगी सरकार औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नन्दी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को निमंत्रण ठुकराने की बात कहके आड़े हाथों लिया है. नंदी ने कहा है कि अखिलेश यादव ने निमंत्रण ठुकरा कर यह साबित कर दिया सपा न केवल हिन्दू विरोधी है बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति भी करती है. अखिलेश यादव ने अपनी इच्छा से नहीं बल्कि मजबूरी में निमंत्रण ठुकराया है.