सपा प्रमुख अखिलेश और सीएम योगी में जुबानी जंग तेज हो गई. अखिलेश और योगी लगातार एक दूसरे पर हमलावर हैं. अब अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर एक बार फिर बिना नाम लिए योगी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाषा से पहचानिए संत महंत, साधु वेश में घूमते जग में धूर्त अनंत. दरअसल बीते दिन अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर हमला बोलते हुए कहा कि मठाधीश और माफिया में कोई फर्क नहीं होता. इसके बाद योगी ने भी अखिलेश को निशाने पर लिया. गुरुवार को अयोध्या की मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला.
सीएम योगी ने कहाकि माफिया के सामने नाक रगड़ने वाला व्यक्ति संत परंपरा को माफिया कहता है. यह उनके संस्कार है. लगता है की औरंगजेब की आत्मा उनके अंदर घुस गई है. इसके बाद अखिलेश यादव ने भी इसका जवाब दिया. अखिलेश यादव ने कहा मैंने संतों का अपमान नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और मैंने कभी किसी संत महंत सन्यासी पर कोई टिप्पणी नहीं की. मुख्यमंत्री हमारे प्रदेश के मठाधीश मुख्यमंत्री हैं उनसे और क्या किस भाषा की उम्मीद करें. जब से भाजपा हारी है, उनकी भाषा बदल गई है. अखिलेश ने मुख्यमंत्री के बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो क्रोध करेगा वह सन्यासी नहीं हो सकता. माफिया मठाधीश की चर्चा करते हुए कहा कि मेरी तस्वीर व उनकी तस्वीर देख लो, पता चलेगा कौन क्या दिखता है. योगी सरकार को सबसे पहले टाप टेन अपराधियों व उनसे संबंधित दलों की सूची जारी करनी चाहिए. उन्होंने तो अपने ऊपर संगीन मुकदमे वापस ले लिए.
इससे पहले अयोध्या में जनता को सपा का असली चेहरा दिखाया. कहा कि भदरसा में सपा के नेता मोईद खान, कन्नौज में नवाब सिंह यादव, अलीगढ़, मऊ में इनके नेता दरिंदगी में शामिल पाए गए. भदोही के विधायक का कारनामा देखिए. हरदोई में अधिवक्ता की हत्या सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष द्वारा की गई. इनके पूर्व विधायक द्वारा कानपुर में ऐसे ही कृत्य किए जाते थे. यह लोग गरीबों की जमीन पर कब्जा कर अराजकता फैलाते हैं. राजनीतिक स्वार्थ के लिए देशद्रोही तत्वों को प्रश्रय देते हैं. हमारी सरकार इनके साथ वही कर रही, जिसके वह पात्र हैं. चाचा-भतीजे व दो लड़कों की जोड़ी गुंडागर्दी की हद पार करने की स्थिति में दिख रही है, लेकिन सरकार इनसे मुस्तैदी से लड़ने को तैयार है. सीएम ने अयोध्या व मिल्कीपुर में हुए विकास कार्य भी गिनाए.