ABC NEWS: लखनऊ में चार दिन पहले लेवाना होटल में हुए अग्निकांड में चार जिंदगियां खत्म हो गईं. इसके बाद मानकों को ताख पर रखकर तने होटलों और हास्पिटलों की जांच का अभियान शुरू हुआ. डीजी फायर के आदेश पर अग्निशमन विभाग ने कानपुर महानगर में चार दिन तक अभियान चलाया लेकिन सिर्फ 150 होटल और हास्पिटलों की ही जांच हो पाई.
इनमें से 90 प्रतिशत प्रतिष्ठान मानकों पर खरे नहीं मिले. बड़ी बात यह है कि आज तक किसी को भी नोटिस तक नहीं दी गई. उदासीनता की स्थिति यह है कि घंटाघर के आसपास जहां सबसे ज्यादा अनियमितता है वहां दो दिन से अभियान ठप पड़ा है. अधिकारी व्यस्तता का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं.
डीजी फायर के आदेश पर शहर में मुख्य अग्निशमन अधिकारी एमपी सिंह के नेतृत्व में होटल और हास्पिटलों में अग्नि सुरक्षा मानकों की जांच के लिए चार दिनों से अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि, 150 प्रतिष्ठानों की ही अब तक जांच हो पाई है.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी एमपी सिंह इस सुस्ती के पीछे व्यस्तता को वजह बता रहे हैं. उन्होंने बताया कि व्यस्तता के चलते अभियान ठीक से नहीं चल पा रहा है. जल्द ही बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा और नोटिस भेजी जाएगी.
जहां सबसे ज्यादा अनियमितता वहीं बंद है अभियान : घंटाघर और सुतरखाना, लाटूश रोड फायर स्टेशन के अंतर्गत आता है. यहां लगभग 75 होटल हैं, जिनमें अग्निसुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सबसे ज्यादा अनियमितता होने के बावजूद दो दिनों से यहां जांच अभियान बंद है.
अब तक एक चौथाई होटल भी यहां नहीं जांचे जा सके हैं. लाटूश रोड के फायर स्टेशन अधिकारी कैलाश चंद्रा का कहना है कि व्यस्तता के चलते गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन से अभियान नहीं चलाया जा सका है.