ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) कानपुर मेट्रो के अंडरग्राउंड कार्य ने काफी तेजी पकड़ ली है. एक तरफ जहां सितंबर के पहले सप्ताह से कानपुर सेंट्रल स्टेशन से नयागंज स्टेशन के बीच टनल निर्माण का कार्य शुरू होना है, वहीं सेंट्रल से ट्रांसपोर्टनगर अंडर ग्राउंड स्टेशन के बीच भी टनल बनाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है. इसी के तहत शुक्रवार को टीबीएम के पहले भाग कहे जाने वाले फ्रंट शील्ड को जमीन के अंदर उतारा गया.
कानपुर मेट्रो के पहले कॉरीडोर(आईआईटी से नौबस्ता) के बीच इस समय अंडरग्राउंड कार्य काफी तेजी से चल रहा है. इसी के तहत शुक्रवार को यूपीएमआरसी अधिकारियों की मौजूदगी में टीबीएम की फ्रंट शील्ड को नीचे उतारा गया. यूपीएमआरसी के अफसरों का कहना है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने के पहले सप्ताह में कानपुर सेंट्रल से नयागंज तक लगभग 1250 मीटर टनल का निर्माण शुरू किया जाएगा. इसके लिए कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन पर निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट से कुछ दिनों के अंतर पर दो टीबीएम लॉन्च की जाएंगी. आपको बता दें कि वर्तमान में चुन्नीगंज से नयागंज अंडरग्राउंड स्टेशन के बीच टनल निर्माण का कार्य चल रहा है. आने वाले दिनों में लगभग 4.65 किमी लंबे कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन में दो नए टीबीएम के लॉन्च होने के साथ, कॉरिडोर -1 में टनल निर्माण में लगे टीबीएम की कुल संख्या 04 हो जाएगी. इसके बाद दो टीबीएम चुन्नीगंज-नयागंज सेक्शन के लिए और दो कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर सेक्शन के लिए हो जाएंगी.
120 टन वजनी है फ्रंट शील्ड
कानपुर सेंट्रल में टीबीएम के पहले हिस्से को उतारने की प्रक्रिया में लगभग 120 टन वजनी फ्रंट शील्ड को लॉन्चिंग शाफ्ट में नीचे उतारने के साथ शुरू हुई. इस शील्ड को शाफ्ट के अंदर क्रेडल पर रखा गया. इसके बाद आने वाले दिनों में टीबीएम के अन्य हिस्सों, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड और कटर हेड को भी आयताकार शाफ्ट के अंदर उतारा जाएगा. कानपुर सेंट्रल में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट की लंबाई लगभग 21 मीटर, चौड़ाई लगभग 25 मीटर और गहराई लगभग 18 मीटर है. लॉन्चिंग शाफ्ट में उतारने के बाद टीबीएम के इन सभी भागों को शाफ्ट में संरेखित किया जाएगा और मशीन को पूरा करने के लिए यांत्रिक घटकों, तारों आदि को जोड़ा जाएगा. पूरा होने के बाद, नयागंज की दिशा में टनल के निर्माण के लिए कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर सेक्शन की पहली टीबीएम को लॉन्च कर दिया जाएगा. टीबीएम ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे भूमिगत हिस्से में व्यापक उपकरण लगाए जाएंगे और विशेषज्ञों की एक टीम निरंतर निगरानी करेगी.