जाजमऊ पुल से सोहरामऊ बनी पुल तक 50 किमी सड़क पर 982 गड्ढे

News

ABC NEWS: राजधानी लखनऊ जाने के लिए कहने को तो राष्ट्रीय राजमार्ग बना हुआ है, लेकिन सफर करते समय पता चलता है कि इसकी हालत तो सामान्य सड़क से भी खराब है. जाजमऊ पुल से सोहरामऊ बनी पुल तक लगभग 50 किलोमीटर दूरी में ही 982 गड्ढे हैं. यह स्थिति तब है जब 2932 जगहों पर पैचिंग कर गड्ढे छिपाने का प्रयास किया गया है. एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएन गिरी से इस संबंध में बात की गई तो पता चला कि उनका स्थानांतरण हो गया है और वह अहमदाबाद में हैं.

अतिक्रमण के चलते 10 स्थानों पर जाम लगता है. जगह-जगह घूमते बेसहारा मवेशी और 35 अवैध कट हादसों की वजह बनते हैं. सड़क पर रोजाना 30 हजार वाहन निकलते हैं और 40 लाख रुपये टोल टैक्स वसूला जाता है, इसके बावजूद रखरखाव की सुध लेने वाला कोई नहीं. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने टोल वसूलने के लिए तो कंपनी तय कर रखी है, पर मरम्मत की जिम्मेदारी कौन उठाएगा यह जानकारी किसी को नहीं.

राजधानी लखनऊ को कानपुर और प्रदेश के अन्य बड़े शहरों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-25) बदहाल है.

इस पर मंत्री और अफसर भी सफर करते हैं, लेकिन इसकी बदहाली किसी को नहीं दिखती. राहगीरों को गड्ढों पर सफर करना पड़ता है। जाजमऊ पुल के पास, आजाद नगर चौराहा, गदनखेड़ा चौराहा, एआरटीओ कार्यालय, लखनऊ बाईपास, दही चौकी, वशीरतगंज, बिचपरी, नवाबगंज बाजार और सोहरामऊ में जगह-जगह अतिक्रमण है.

कहीं अवैध टेंपो स्टैंड हैं तो कई जगह सब्जी बेचने वालों की वजह से जाम लगता है. इसके चलते 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन तीन से चार घंटे खर्च होते हैं. डिवाइडर और जाली तोड़कर लोगों ने अवैध कट बना दिए हैं. इनसे वाहन चालक और बेसहारा मवेशी सड़क पार करते हैं जिससे आए दिन हादसे होते हैं.

औद्योगिक साख पर बट्टा

कानपुर और उन्नाव औद्योगिक शहर हैं और यहां के स्लाटर हाउस और टेनरियों में मुंबई, चेन्नई, बंगाल, हरियाणा आदि प्रदेशों के अलावा मलेशिया, ईराक, ईरान, ब्राजील, रूस, सऊदी अरब, कुवैत व ब्रिटेन जैसे देशों से उद्यमी आते हैं. ये सभी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर उतरने के बाद इसी राजमार्ग पर सफर करते हैं. गड्ढों और जाम के चलते इनके बीच प्रदेश की खराब छवि बनती है. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के विशेष आमंत्रित सदस्य जीएन मिश्रा बताते हैं कि जिले में रोजाना करीब 400 से 500 भारी वाहनों से कच्चे व पक्के माल की आवक व आपूर्ति होती है. सड़क की हालत अच्छी न होने से माल आने-जाने में बेवजह समय खराब होता है.

एनएचएआइ को सिर्फ टोल टैक्स से मतलब

राजमार्ग पर सफर के लिए एनएचएआइ टोल तो पूरा वसूलता है, पर रखरखाव के नाम पर सिर्फ पैचवर्क किया जाता है. अब तक न तो अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया, न अवैध कट बंद किए जा रहे. बीते नौ वर्षों से टोल टैक्स वसूलने का ठेका पीएनसी कंपनी के पास था. यह कंपनी टोल लेने के साथ ही राजमार्ग के रखरखाव का काम भी करती थी. अब एनएचएआइ ने टोल टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी पाथ इंडिया एजेंसी को दी है. इस कंपनी को रखरखाव की जिम्मेदारी से मुक्त रखा गया है. कंपनी के टोल प्रभारी बुद्धी पारिख बताते हैं कि एनएचएआइ से सिर्फ टोल वसूली का ही करार हुआ है.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media