ABC NEWS: नाम राजकुमारी. उम्र 85 साल. बैसाखी पर घिसटती जर्जर काया. कोर्ट में पेश की गई तो जज, वकील, मोहर्रिर सभी हैरत में पड़ गए. गांजा तस्करी के मामले में सुनवाई शुरू होते ही उसने अपराध स्वीकार कर लिया. कानपुर में कोर्ट ने जमानत से पहले जेल में काटी गई डेढ़ साल की अवधि को ही सजा घोषित करते हुए पांच हजार रुपये जुर्माना लगा दिया. खुद को भिखारी बताने वाली राजकुमारी के वकील, जमानतदार ने चंदा करके जुर्माना जमा किया.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी ने बताया कि राजकुमारी दस साल से फरार थी. एडीजे 19 रघुवीर सिंह राठौड़ कोर्ट में मंगलवार को उसे जमानतगीर लेकर पहुंचे. सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर गांजा बेचने की आरोपित बुजुर्ग महिला 13 जनवरी 2013 को गांजा बेचते पकड़ी गई थी. बिहार के पटना फुलवारी, जानेपुर निवासी राजकुमारी को न्यायालय ने जेल भेज दिया था. करीब डेढ़ साल की सजा काटने के बाद कुछ जानने वालों ने जमानत लेकर उसे रिहा करा दिया था. इसके बाद वह लापता हो गई.
कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू भी जारी कर दिया मगर राजकुमारी का पता नहीं चला. मंगलवार को अचानक कुछ जमानतगीरों ने राजकुमारी को पकड़ कर कोर्ट में पेश किया. वह रो कर कहने लगी कि भीख मांगकर पेट भरती है. पति भागवत महतो की मौत हो चुकी है. गांजा बेचने की गलती की थी. आगे नहीं कराूंगी। यह सुन एडीजे-19 रघुवीर सिंह राठौड़ ने जेल में बिताई अवधि की सजा और 5000 रुपये जुर्माना लगाया. जुर्माना चंदे से जमा हो गया है.