ABC NEWS: ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. मांगलिक कार्यों के लिए बृहस्पति यानि गुरु ग्रह का उच्च स्थिति में होना आवश्यक है. यदि कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति में हो या फिर पाप ग्रहों के साथ हो तो वह नकारात्मक प्रभाव दे सकता है. कुंडली में गुरु दोष होने से व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती हैं. वह व्यक्ति कार्य में सफल नहीं हो पाता, चरित्रहीन हो सकता है, काम से यश की प्राप्ति नहीं होती है. गुरु दोष होने पर व्यक्ति को कई संकेत मिलने लगते हैं, उनके आधार पर आप गुरु दोष निवारण उपाय कर सकते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं गुरु दोष को दूर करने के उपाय.
गुरु दोष के 6 संकेत
1. यदि किसी व्यक्ति की शादी में देरी हो रही है या फिर वैवाहिक जीवन में तालमेल की कमी है, अन्य समस्याएं पैदा हो रही हैं तो यह गुरु दोष के कारण हो सकता है.
2. गुरु दोष होने या गुरु के कमजोर होने से व्यक्ति कम शिक्षा प्राप्त कर पाता है. उसमें भी उसे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
3. यदि आप कोई काम करते हैं, उसमें सफलता प्राप्त नहीं होती है, वह अटक जाता है तो समझ लें कि कुंडली में गुरु दोष हो सकता है.
4. आप अपने से बड़े और बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते हैं. संस्कारहीन हैं, व्यक्तित्व में कई सारी खामियां हैं, चरित्रहीन हैं तो यह गुरु दोष के कारण हो सकता है.
5. गुरु दोष होने या गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति बहुत ही कठिनाई से धन कमाता है. इसके अलावा वह स्मृति हानि, लीवर, किडनी, प्लीहा, सांस, फेफड़ों और पेट की समस्या से परेशान रह सकता है.
6. गुरु दोष के कारण विरोधियों और शत्रुओं की संख्या बढ़ सकती है. लोगों से धोखा मिल सकता है.
गुरु दोष निवारण उपाय
1. यदि गुरु दोष है या गुरु कमजोर है तो आपको गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. उस दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए.
2. गुरु दोष के प्रभावों को कम करने के लिए आप गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनें. हल्दी, चने की दाल, केसर, पीले वस्त्र, पीतल आदि का दान करें.
3. गुरु दोष निवारण के लिए आप बृहस्पतिवार के दिन गुरु के शुभ रत्न पुखराज या उपरत्न सुनेला या सोनल को धारण कर सकते हैं. इसके अलावा दाएं हाथ की तर्जनी अंगुली में सोने की अंगूठी पहन सकते हैं. सोने के आभूषण पहनने से भी लाभ होता है.
4. गुरु दोष से मुक्ति के लिए आप परिवार के बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें. अपने गुरु का पैर छूकर आशीर्वाद लें. यह नियमित करें.
5. गुरुवार के दिन गुरु ग्रह के बीज मंत्र ‘ॐ बृं बृहस्पते नम:’ का जाप कम से कम 108 बार या एक माला करें. हल्दी की माला का उपयोग करें.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी