भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर गोली चलाने वाले 4 गिरफ्तार: तीन यूपी के, एक हरियाणा का

News

ABC NEWS: भीम आर्मी नेता चंद्रशेखर पर हमला करने वाले चार हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हमलावरों को पुलिस ने अंबाला से गिरफ्तार किया. बताया गया है कि चंद्रशेखर पर हमला करने वाले अंबाला कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी में थे. पकड़े गए हमलावरों में तीन देवबंद के ग्राम रणखंडी के रहने वाले बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इनमें एक युवक वह हैं, जिसने एक जेलर पर भी हमला किया था. वह 15 दिन पहले ही जेल से छूटा है.

सूत्रों के मुताबिक, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर यूपी के देवबंद में जानलेवा हमला मामले में एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस ने 4 लोगों को अंबाला के शहजादपुर के अग्रवाल ढाबा से गिरफ्तार किया. कहा जा रहा है कि चारों को शनिवार सुबह अंबाला की शहजादपुर पुलिस ने यूपी पुलिस को सौंपा.

तीन यूपी के, एक हरियाणा का
गिरफ्तार किए गए तीन युवक प्रशांत, विकास और लविश यूपी के रहने वाले हैं, वहीं पकड़ा गया चौथा व्यक्ति विकास गोंदर निसिंग हरियाणा का रहने वाला बताया जा रहा है. गिरफ्तारी के दौरान उनके पास कोई हथियार बरामद नहीं हुआ. बताया गया है कि शुक्रवार देर रात सहरानपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि चारों शूटरों ने हरियाणा की सीमा में प्रवेश किया था. चारों यमुनानगर से होते हुए अंबाला पहुंचे थे.

चंद्रशेखर आजाद ने खुद बताई थी आपबीती
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को 29 जून को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. उनकी कार पर अज्ञात बदमाशों ने फायरिंग की थी, जिसमें वह घायल हो गए थे. इस मामले में पुलिस ने हमलावरों के गाड़ी बरामद कर चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था. भीम आर्मी चीफ ने हमले की पूरी कहानी बयां की थी.

चंद्रशेखर ने कहा था कि मैं दिल्ली से वापस आ रहा था. वहां एक साथी कार्यकर्ता की माताजी की मौत हो गई थी. इसके बाद मुझे एक संत की मृत्यु होने पर उनके अंतिम दर्शन में जाना था. देवबंद में जिस समय मुझ पर हमला हुआ, मैं अपनी कार में फोन चला रहा था. अचानक गोली चली और शीशे से टकराई. इससे शीशा टूट गया. मुश्किल से 20 सेकेंड के अंदर 3 से 4 गोली चलीं. जिस गाड़ी से गोली चल रही थीं, वह मुझसे पीछे चल रही थी.

उन्होंने बताया था कि हमलावरों की गाड़ी करीब 5 से 10 मीटर दूर पर खड़ी हो गई थी और उसे एक लड़का झूलता हुआ निकला वह मुझ पर फायरिंग कर दी. इस बीच मेरा ड्राइवर मनीष गाड़ी आगे बढ़ाता रहा और यू-टर्न ले लिया. लेकिन हमलावरों को जब पता चला कि मैं जिंदा हूं तो उन्होंने फिर से मेरे ऊपर फायरिंग की. मनीष ने गांव में ले जाकर गाड़ी रोकी और वहां से पुलिस अधिकारियों को फोन किया. फिर मैंने गाड़ी में बुलेट देखी और मुझे भी उस समय गोली लगी हुई थी तो मुझे अस्पताल ले जाया गया.

कौन हैं हमलावर?
भीम आर्मी चीफ ने कहा था कि मेरे मन में भी उत्सुकता है यह जानने की कि कौन मुझे मारना चाहता है और मेरे मरने से किसे लाभ है. गाड़ी जहां से बरामद हुई है, वह गुर्जर समाज का गांव है और मुझे लगता है कि वह दलित और गुर्जरों में झगड़ा करवाना चाहते थे. अगर मैं अपील नहीं करता तो परिणाम कुछ और हो सकता था.

क्योंकि मेरे साथी मेरे लिए जान देने के लिए तैयार हैं. आज की सरकारें, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और मुकदमों से डराते हैं और इन सब से मुझे तो नहीं डराया जा सकता है. क्योंकि कई सारे मुकदमे मेरे ऊपर हैं. मैं जेल भी जा चुका हूं तो बस एक गोली का डर रहा था. वह गोली भी मेरे ऊपर चलवा दी.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media