ABC NEWS: कानपुर में प्रतिबंधित संगठन पीएफआइ (PFI) यानी पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के लिए टेरर फंडिंग में शामिल होने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जिस शाकिर को हिरासत में लिया गया है, उसका भाई शकील पीएफआइ का सक्रिय सदस्य है. हालांकि भाई की तलाश भी पुलिस को है लेकिन पिछले दो सालों से उसका कोई अतापता नहीं है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एनआइए (NIA) (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) बेबिस कंपाउंड स्थित जिस शाकिर को अपने साथ ले गई है, वह पीएफआइ के सक्रिय सदस्य शाकिर का भाई है. करीब दो साल पहले शाकिर का नाम खुफिया विभाग की जांच में सामने आया था. शकील को पीएफआइ (PFI) से जोड़ने में दलेलपुरवा निवासी सलीम का हाथ है.
सलीम कानपुर में प्रतिबंधित संगठन का सबसे विश्वसनीय सदस्य है. हालांकि पुलिस रिकार्ड में शकील की कोई गिरफ्तारी का रिकार्ड नहीं है, क्योंकि पीएफआइ से नजदीकी का पता जब से चला है, वह लगातार फरार है। अब भाई की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि पूरा परिवार प्रतिबंधित संगठन के संपर्क में है.
वहीं दूसरी ओर आतंकवाद विरोधी दस्ते यानी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक कानपुर में इस समय पीएफआइ से सीधे जुड़े 16 सदस्यों को चिह्नित किया जा चुका है. इनमें से पांच को पुलिस नागरिकता संशोधन कानून के बवाल के बाद गिरफ्तार किया था, जबकि तीन को जून को हुए उपद्रव में पकड़ा गया था.
छत पर महिला, बाहर से ताला
एनआइए की टीम के जाने के बाद अनवरगंज पुलिस जब शाकिर के यहां पहुंची तो यहां बाहर से ताला लगा हुआ था. पुलिस को तब अचंभा हुआ, जब छत पर एक महिला दिखाई दी. पुलिस ने उसे बुलाकर पूछताछ की। महिला ने बताया कि घर से निकास का एक और रास्ता है. इसलिए मुख्य द्वारा पर ताला डाला हुआ है। मुख्य द्वारा पर इस तरह से ताला डालकर रखने को पुलिस शक की निगाह से देख रही है.
एनआइए की सक्रियता से दूसरी एजेंसियां चौकन्नी
महानगर में एनआइए की सक्रियता से दूसरी खुफिया व जांच एजेंसियां जैसे आइबी, एटीएस, एसटीएफ, स्थानीय खुफिया इकाई सक्रिय हो गई हैं. सभी पीएफआइ के संभावित संदिग्धों के बारे में देर शाम तक जानकारियां जुटाते दिखीं. हालांकि कोई भी इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहा है.