ABC News: भारत के लिए आने वाले दिनों में राहत की खबर आ सकती है. आम लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है. दरअसल मूडी एनालटिक्स ने कहा है कि कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आ सकती है. एशिया पैसेफिक को लेकर जारी किए रिपोर्ट में ये बात कही गई है.
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया जो गिरकर अब 100 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. और ये ट्रेंड जारी रह सकता है. मूडीज के मुताबिक 2024 के अंत तक कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है. इससे पहले जुलाई में सिटीग्रुप ने भी कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी की थी. सिटीग्रुप ने कहा था कि के मुताबिक 2022 के आखिर तक कच्चे तेल के दाम फिसलकर 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है. तो 2023 के आखिर तक दाम घटकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है.
यानि अपने फिलहाल कच्चा तेल 95 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है. वैसे भी कच्चे तेल के दामों के इतिहास पर नजर डालें तो जब जब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट आया है कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. 2008 में आए मंदी के दौरान कच्चा तेल 149 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 35 डॉलर प्रति बैरल तक फिसलकर आ गया था. तो कोराना महामारी के दौरान दुनियाभर में लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल के दाम गिरकर 20 डॉलर प्रति बैरल तक आ चुका था. मंगलवार को आर्थिक संकट और मंदी के चलते अमेरिका में कच्चे तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ चुका है. बहरहाल कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई तो भारत के लिए सबसे अच्छी खबर होगी. भारत अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. उसे अपने विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा कच्चे तेल के आयात पर खर्च करना होता है. कच्चे तेल के दामों में गिरावट से जहां आम लोगों को सस्ता पेट्रोल डीजल उपलब्ध हो सकेगा. विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी सरकार का वित्तीय घाटा कम होगा.