इस विधि से करें नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र, महत्व

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ABC NEWS: शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा लोगों ने पूरे विधि-विधान से की. आज नवरात्र का तीसरा दिन है. आज के दिन दुर्गा मां के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा-उपासना की जाएगी. मान्यता है कि आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा की पूजा करने से दांपत्यजीवन में खुशियां आती हैं. ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपकी शादीशुदा जिंदगी सुखमय रहे तो आज के दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा जरूर करें. श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करने से मां की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. मां पार्वती का रौद्र रूप हैं मां चंद्रघंटा. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने राक्षसों से युद्ध करने के लिए रौद्र रूप धारण किया था, ताकि इनसे मुक्ति मिल सके. जानते हैं आगरा (दयालबाग) के ज्योतिष एवं वास्तु आचार्य प्रमोद कुमार अग्रवाल से मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा करने के लिए शुभ समय, मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व, मंत्र आदि के बारे में विस्तार से.

नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने का शुभ मुहूर्त
यदि आप जीवन में खुशहाली बनाए रखना चाहते हैं तो आज नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा नियमानुसार और शुभ मुहूर्त में ही करें तभी लाभ होगा. पूजा करने के लिए शुभ समय लाभ काल में सुबह 10 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक है. अमृत काल में दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 01 बजकर 36 मिनट तक है. वहीं, शुभ काल में अपराह्न 03:03 से सायं 04:28 बजे तक शुभ मुहूर्त है.

मां चंद्रघंटा के पूजा मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”

पिंडज प्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

मां चंद्रघंटा को पसंद है ये भोग
मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करने के दौरान अलग-अलग तरह के भोग लगाए जाते हैं. मां चंद्रघंटा को आप भोग में सेब, केला, दूध की मिठाई, खीर आदि का भोग लगा सकते हैं, क्योंकि ये चीजें उनकी पसंदीदा हैं.

मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग और फूल
यदि आप माता चंद्रघंटा को पूजा में कोई फूल चढ़ाएं तो उनका पसंदीदा फूल सफेद कमल चढ़ाएं. आप पीले रंग का फूल, लाल गुड़हल भी अर्पित कर सकते हैं.

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
आप आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विधि-विधान, सच्चे मन और श्रद्धा भाव से करें तो आप पहले से अधिक साहसी और निडर हो सकते हैं. कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह से संबंधित दोष भी दूर होता है. ऐसा इसिलए, क्योंकि मां चंद्रघंटा का संबंध शुक्र ग्रह से भी है. यदि आप अपने परिवार में सुख-समृद्धि लाना चाहते हैं तो भी देवी की पूजा करने से लाभ होता है. इससे वे प्रसन्न होकर परिवार की रक्षा करती हैं. शादी में रुकावट आ रही है तो दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से रिश्ता जल्दी तय हो सकता है. शादी में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. जो लोग बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं, तनाव अधिक लेते हैं, उन्हें मां चंद्रघंटा की पूजा जरूर करनी चाहिए.

मां चंद्रघंटा की पूजा करने की विधि
सबसे पहले आप सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. पूजा घर की साफ-सफाई कर लें. मां चंद्रघंटा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. अब जलाभिषेक करें. नैवेद्य, दीप, सफेद कमल या लाल गुड़हल का फूल, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर आदि अर्पित करें. पूजा के दौरान देवी के मंत्रों का उच्चारण करते रहें. उन्हें खीर, दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं. कथा सुनें या पढ़ें. आरती करने के बाद मां चंद्रघंटा से अपनी इच्छाओं की पूर्ति होने की प्रार्थना करें. उनसे आशीर्वाद मांगें.

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