ABC NEWS: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सभी 9 ग्रहों का संबंध किसी न किसी रत्न से होता है. व्यक्ति को अपनी राशि और कुंडली के अनुसार ही रत्न धारण करना चाहिए, इसलिए किसी भी रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिष सलाह जरूर लेनी चाहिए. ज्योतिष के अनुसार किसी भी रत्न का लाभ तभी प्राप्त होता है, जब इसे सही विधि, राशि और कुंडली में चल रहे ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर धारण किया जाए अन्यथा लाभ के बजाय अशुभ फलों की प्राप्ति होने लगती है. बात करें ओपल रत्न की तो ज्योतिष में इसे शुक्र ग्रह का रत्न कहा जाता है. इसे धारण करने से व्यक्ति की कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है.
शुक्र ग्रह को आकर्षण, सौभाग्य, ऐश्वर्य, धन-वैभव और प्रेम का कारक माना गया है. सफेद रंग का ओपल रत्न धारण करने से समाज में व्यक्ति की लोकप्रियता बढ़ती है और व्यक्ति का वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं किन राशि वालों को यह रत्न धारण करना चाहिए और किसे नहीं. साथ ही आचार्य जी से यह भी जानते हैं कि ओपल रत्न धारण करने के नियम क्या हैं.
ओपल रत्न के लाभ
ज्योतिष के अनुसार, ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है. ओपल रत्न पहनने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. यदि पति-पत्नी के बीच हमेशा अनबन बनी रहती है तो इस रत्न को धारण करने से समस्या दूर होती है. इस रत्न को धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है. विशेषकर टीवी, सिनेमा, थिएटर और आईटी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न लाभकारी होता है.
किन राशि के जातकों के लिए लाभकारी है ओपल
ज्योतिष के अनुसार वृषभ और तुला राशि के लिए ओपल रत्न काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन इसके साथ ही मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि के जातक भी इस रत्न को ज्योतिष की सलाह पर धारण कर सकते हैं.
कैसे धारण करें ओपल रत्न
ओपल रत्न शुक्र ग्रह का रत्न होता है. इसे धारण करने के लिए किसी भी माह की शुक्ल पक्ष के शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है. पहनने से पहले रत्न को कच्चे दूध और गंगाजल में डालकर शुद्धि कर लें. फिर रत्न को किसी सफेद कपड़े के ऊपर रखकर शुक्र के मंत्र ‘ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ की एक माला जाप करें और फिर इसे सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में धारण कर लें.