रहाणे-भुवनेश्वर समेत इन खिलाड़ियों का क्या खत्म हुआ करियर? BCCI कॉन्ट्रैक्ट में इन खिलाड़ियों को भी झटका

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ABC News: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साल अक्तूबर 2022 से सितंबर 2023 के लिए खिलाड़ियों के वार्षिक अनुबंध का एलान कर दिया है. इस बार केंद्रीय अनुबंध में कई स्टार खिलाड़ियों को नुकसान हुआ है. वहीं, कई नए खिलाड़ियों को प्रमोशन मिला है और वह केंद्रीय अनुबंध में शामिल हो गए हैं. इस बार की लिस्ट में चार खिलाड़ियों को ए+ ग्रेड में रखा गया है, जबकि पांच खिलाड़ी ए ग्रेड, छह खिलाड़ी बी ग्रेड और 11 खिलाड़ी सी ग्रेड में हैं. रवींद्र जडेजा का प्रमोशन हुआ है और उन्हें विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रोहित शर्मा के साथ ए+ ग्रेड में शामिल किया गया है.

बीसीसीआई ए+ ग्रेड में शामिल खिलाड़ियों को सालाना सात करोड़ रुपये देता है, जबकि ए ग्रेड में शामिल खिलाड़ियों को पांच करोड़ और बी ग्रेड में शामिल खिलाड़ियों को तीन करोड़ और सी ग्रेड में शामिल खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपये देता है. इस साल के केंद्रीय अनुबंध में कई स्टार खिलाड़ियों को नुकसान भी उठाना पड़ा है. इनमें अजिंक्य रहाणे, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, हनुमा विहारी, ऋद्धिमान साहा, मयंक अग्रवाल और दीपक चाहर जैसे खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से निकाल दिया गया है. रहाणे और ईशांत पिछले साल ग्रेड-बी में थे, जबकि भुवनेश्वर, विहारी, मयंक, ऋद्धिमान और चाहर ग्रेड-सी में थे. अब इस नई लिस्ट को देखते हुए माना जा रहा है कि रहाणे, साहा और भुवनेश्वर का करियर लगभग समाप्त हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साहा को पिछले साल ही बीसीसीआई ने बता दिया था कि उन्हें अब भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जाएगा. वहीं, रहाणे और ईशांत को भी पिछले साल टीम से बाहर कर दिया गया था, दोनों क्रिकेट का सिर्फ एक फॉर्मेट यानी टेस्ट में खेल रहे थे. हालांकि, टीम से बाहर होने के बाद से दोनों एक बार भी वापसी नहीं कर सके हैं. रहाणे ने 82 टेस्ट में 38.52 की औसत से 4931 रन बनाए. इनमें 12 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं. रहाणे दिसंबर 2020 के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोई शतक नहीं लगा पाए थे, न ही कोई बड़ी पारी खेल पाए थे. दिसंबर 2020 के बाद से वह टेस्ट में सिर्फ तीन अर्धशतक लगा पाए थे. इसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. रहाणे ने 90 वनडे और 20 टी20 में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. ईशांत नवंबर 2021 के बाद से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं. तब वह कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखे थे. ईशांत की वजह से भारत को तब सिराज को बेंच पर बिठाना पड़ता था, जबकि ईशांत की तुलना में सिराज का प्रदर्शन शानदार था. ऐसे में ईशांत के प्रदर्शन को देखते हुए बीसीसीआई ने सिराज को मौका देने का फैसला लिया. ईशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट में 311 विकेट लिए. इसके अलावा वह 80 वनडे में 115 विकेट और 14 टी20 में आठ विकेट ले चुके हैं. ईशांत की तरह ही हाल भुवनेश्वर का भी रहा. भुवी पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप तक सिर्फ इसी फॉर्मेट में टीम इंडिया का नियमित हिस्सा रहे और लगभग हर मैच खेला. हालांकि, उनका प्रदर्शन न तो 2021 टी20 विश्व कप और न ही 2022 टी20 विश्व कप में कुछ खास रहा. वह विकेट के लिए तरसते रहे. टी20 वर्ल्ड कप के बाद भुवनेश्वर को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया. ऐसे में अब इन तीनों के लिए वापसी का रास्ता मुश्किल हो गया है. इन तीनों के अलावा मयंक, विहारी और चाहर जैसे युवा खिलाड़ियों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. श्रेयस अय्यर के टेस्ट में नियमित नंबर पांच बनने के बाद से विहारी की जगह टीम में खतरे में पड़ गई थी. ऐसे में अब उन्हें केंद्रीय अनुबंध से भी बाहर कर दिया गया है. वहीं, मयंक पिछले काफी समय से चोटिल रहे हैं, इस वजह से वह टीम में कई बार जगह बना पाने में नाकाम रहे. शुभमन गिल अब ओपनर के तौर पर भारत की पहली पसंद बन गए हैं. दीपक चाहर भी 2021 टी20 विश्व कप के बाद से कई बार चोटिल हो चुके हैं. पिछले साल भी वह सिर्फ कुछ ही अंतरराष्ट्रीय मैचों में नजर आए थे और ज्यादातर हिस्सा चोट की वजह से आराम करने में बिताया था. ऐसे में बीसीसीआई ने उन्हें भी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया है. यह तीनों इस साल अच्छा प्रदर्शन कर टीम में और कॉन्ट्रैक्ट में वापसी करने की कोशिश करेंगे.

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