ABC NEWS: आगरा के मशहूर लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर लाखन सिंह गालव के महाकौशल एक्सप्रेस ट्रेन से नीचे गिरने का वीडियो वायरल हो रहा है. दिल दहला देने वाले पौने दो मिनट के वीडियो में देखा जा सकता है कि एसी कोच से उतरते समय डॉक्टर का पैर फिसलता है और वह प्लेटफॉर्म से गिरते हुए ट्रेन के नीचे आ जा जाते हैं. वीडियो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
आगरा रेलवे स्टेशन का यह पूरा मामला है. रविवार को महाकौशल एक्सप्रेस में अपनी बेटी को बैठाने गए डॉक्टर लाखन सिंह गालव ट्रेन के एसी कोच में चढ़ गए थे. बेटी को सीट पर अच्छे से बैठाकर कोच से बाहर आने लगे, तभी ट्रेन की गति तेज हो गई. इस दौरान हड़बड़ाहट में डॉक्टर का कोच के फुटरेस्ट से पैर फिसला और संतुलन बिगड़ गया. कुछ ही सेकंड में वह ट्रैक पर जा गिरे, जहां चलती हुई ट्रेन के नीचे आने से सिर उनके धड़ से अलग हो गया.
#Tragic!
UP: Agra’s famous laparoscopic surgeon Dr. Lakhan Singh died after being hit by a train,
★★★★★★★★
He came to drop his daughter, foot slipped while getting down from the moving train#om shanti ?️?#MedTwitter pic.twitter.com/4bK2wIDARQ— Indian Doctor?? (@Indian__doctor) November 5, 2023
बेटी को छोड़ने आए थे डॉक्टर
डॉक्टर लाखन सिंह गालव रविवार सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर आने वाले महाकौशल एक्सप्रेस में अपनी बेटी को बैठाने आए थे. राजा की मंडी रेलवे स्ट्रेशन पर ट्रेन के आते ही डॉक्टर सामान लेकर एसी कोच में चढ़े. जब तब उतरे, तब तक ट्रेन की चलने लगी. चलती ट्रेन से उतरते वक्त डॉक्टर लाखन सिंह का संतुलन बिगड़ गया. कुछ दूर तक वह कोच के हैंडल को पकड़े घिसटते रहे, लेकिन हाथ छूटते ही वह प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंस गए. कुछ ही सेकंड में ट्रैक पर गिर गए. इसी दौरान ट्रेन डॉक्टर के ऊपर से गुजरी चुकी थी.
बिल्लोचपुरा में बेटी ने रोकी ट्रेन
उधर, कोच की प्लेटफॉर्म साइड वाली खिड़की में बैठी बेटी ने अपने पिता को गिरते और घिसटते हुए देख लिया था. उसने ट्रेन को रुकवाने के लिए यात्रियों के बीच शोर मचाया, लेकिन तब तक ट्रेन करीब 2 किमी दूर बिल्लोचपुरा पहुंच चुकी थी. बेटी ने बिल्लोचपुरा पर उतरकर बाहर से ट्रैक्सी पकड़ी और फिर वह वापस राजा की मंडी स्टेशन पहुंची. जहां रेलवे ट्रैक पर पड़ी पिता का शव देख वह बिलख पड़ी.
खबर मिलते ही शहर के डॉक्टर पहुंचे स्टेशन
हादसे की खबर मिलते ही शहर के तमाम डॉक्टर रेलवे स्टेशन पहुंचे. जहां जीआरपी और आरपीएफ की मदद से लाश के बिखरे टुकड़ों को समेटा गया. शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन से पीएम कर शव परिजनों को सौंप दिया. जहां से पैतृक गांव इरादत नगर में में डॉक्टर का अंतिम संस्कार किया गया.
AC कोच में पता नहीं चलती ट्रेन की रफ्तार
अक्सर एसी कोच में अपने किसी परिचित को बैठाने के बाद लोग ट्रेन के चलने पर ही उतरते हैं. इसकी वजह यह है कि एसी कोच में हॉर्न की आवाज सुनाई नहीं देती और गाड़ी की गति का अंदाजा नहीं लग पाता है. इसके विपरीत जनरल कोच और स्लीपर में ट्रेन की रफ्तार का भलीभांति पता चल जाता है.
तीन बच्चे, तीनों ही डॉक्टर
डॉक्टर लाखन सिंह गालव की पत्नी सरोज सिंह गृहिणी हैं. बेटी नमिता सवाई मानसिंह अस्पताल में रेडियोलॉजी विभाग की डॉक्टर हैं. दूसरी बेटी अमिता लखनऊ के केजीएमयू से एनेसथीसिया में एमडी कर रही हैं. वहीं, बेटा अंकुर हापुड़ के रामा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है.