ABC NEWS: अगस्त 2023 का दूसरा सप्ताह आज 6 अगस्त दिन रविवार से शुरू हुआ है. यह सप्ताह 6 अगस्त से 12 अगस्त शनिवार तक है. इस सप्ताह में सावन माह का पांचवा सोमवार व्रत, मंगला गौरी व्रत, मासिक कालाष्टती व्रत और अधिक मास की परमा एकादशी आने वाली है. शुरू के तीन व्रत शिव परिवार से जुड़े हैं, जबकि एकादशी व्रत भगवान विष्णु के लिए रखते हैं. अधिक मास की परमा
एकादशी हर 3 साल में एक बार आती है. यह धन और वैभव को बढ़ाने वाली एकादशी है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि ये व्रत कब और किस दिन हैं? इनका महत्व क्या है?
अगस्त 2023 दूसरे सप्ताह के व्रत-त्योहार
07 अगस्त, दिन: सोमवार: पांचवा सावन सोमवार व्रत
पांचवा सावन सोमवार व्रत 7 अगस्त को है. इस दिन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि, अश्विनी नक्षत्र और रवि योग है. सावन सोमवार को भद्रा सुबह 05 बजकर 46 मिनट से शाम 04 बजकर 41 मिनट तक है. इस दिन आप कभी भी शिव पूजा कर सकते है. सावन सोमवार का दिन रुद्राभिषेक के लिए बहुत अच्छा होता है. सावन सोमवार व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने की मनोकामना पूर्ण होती है.
08 अगस्त, दिन: मंगलवार: सावन अधिक मास कालाष्टमी व्रत, मंगला गौरी व्रत
कालाष्टमी व्रत 2023: सावन अधिक मास का कालाष्टमी व्रत 8 अगस्त दिन मंगलवार को है. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है. कालाष्टमी व्रत के दिन रुद्रावतार काल भैरव की पूजा की जाती है. भैरव को तंत्र और मंत्र का देवता कहते हैं. इनकी पूजा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं, भय नष्ट होता है, रोगों से मुक्ति मिलती है. कालाष्टमी को निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा मंत्रों की सिद्धि के लिए करते हैं. काल भैरव को इमरती, पान आदि का भोग लगाते हैं.
मंगला गौरी व्रत 2023: सावन अधिक मास का मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त को है. इस दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखती हैं और माता गौरी की पूजा करती हैं. पूजा में माता गौरी को सुहाग की सामग्री अर्पित करते हैं. इस व्रत को करने से कुंडली का मंगल दोष दूर होता है. मंगल दोष के कारण जिनके विवाह में देरी होती है, उनको मंगला गौरी व्रत रखना चाहिए और पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए. इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य, संतान और सुखी दांपत्य जीवव प्राप्त होता है.
12 अगस्त, दिन: शनिवार: परमा एकादशी व्रत
परम एकादशी व्रत 2023: इस साल 12 अगस्त को परमा एकादशी व्रत है. यह व्रत अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस साल परम एकादशी की तिथि 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 06 मिनट से 12 अगस्त को सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 28 मिनट से सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक है. इस व्रत का पारण 13 अगस्त को होगा. 13 अगस्त को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से पारण कर सकते हैं. द्वादशी तिथि सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो जाएगी. इसलिए पारण इससे पूर्व कर लें.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी