ABC NEWS: आज 23 अप्रैल से इस माह का नया सप्ताह प्रारंभ हो रहा है. सप्ताह के पहले दिन वैशाख माह की विनायक चतुर्थी है. गणेश जी की कृपा से यह दिन आपके लिए शुभ हो और पूरे सप्ताह आप कुशल-मंगल से रहें. विनायक चतुर्थी के बाद इस सप्ताह में स्कंद षष्ठी, गंगा सप्तमी और सीता
नवमी जैसे व्रत आने वाले हैं. देव गुरु बृहस्पति अभी अस्त हैं, इस सप्ताह में गुरु का भी उदय होना है. गुरु के उदय होने से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ये महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार कब हैं और इनका क्या महत्व है.
23 से 29 अप्रैल 2023 तक के व्रत और त्योहारों की लिस्ट
23 अप्रैल, दिन: रविवार: वैशाख विनायक चतुर्थी
25 अप्रैल, दिन: मंगलवार: स्कंद षष्ठी
27 अप्रैल, दिन: गुरुवार: गंगा सप्तमी, गुरु उदय
29 अप्रैल, दिन: शनिवार: सीता नवमी
वैशाख विनायक चतुर्थी 2023
वैशाख माह की विनायक चतुर्थी आज 23 अप्रैल रविवार को है. हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करते हैं. यह पूजा दिन के समय में करते हैं और आज के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित होता है. चांद देखने से झूठे आरोप लगते हैं. विनायक चतुर्थी की पूजा में गणेश जी को मोदक, दूर्वा और सिंदूर अवश्य चढ़ाते हैं.
स्कंद षष्ठी 2023
वैशाख की मासिक स्कंद षष्ठी 25 अप्रैल दिन मंगलवार को है. हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान स्कंद यानि कार्तिकेय की पूजा करते हैं. स्कंद षष्ठी का व्रत रखने और पूजा से दुख दूर होते हैं और शारीरिक कष्ट मिटता है. संतान प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलता है. स्कंद षष्ठी का व्रत दक्षिण भारत में प्रचलित है.
गंगा सप्तमी 2023
हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल गंगा सप्तमी का पर्व 27 अप्रैल को है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख शुक्ल सप्तमी को मां गंगा की उत्पत्ति हुई थी. उनकी कृपा से राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ था. इस दिन गंगा स्नान और पूजा से पाप मिटते हैं और मोक्ष मिलता है.
गुरु उदय 2023
इस साल गुरु का उदय मेष राशि में 27 अप्रैल को होगा. गुरु उदय के साथ ही मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश आदि के लिए शुभ मुहूर्त मिलने शुरू हो जाएंगे. मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का उदित अवस्था में होना आवश्यक है.
सीता नवमी 2023
इस साल सीता नवमी का पर्व 29 अप्रैल दिन शनिवार को है. इस दिन सीता जी और भगवान राम की पूजा करते हैं. इससे दांपत्य जीवन सुखमय होता है. जिनके विवाह में कोई देरी है तो उनको भी सीता नवमी का व्रत रखकर सीता-राम की पूजा करनी चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख शुक्ल नवमी तिथि को सीता जी की उत्पत्ति हुई थी. सीता नवमी को सीता जयंती भी कहते हैं.