एक कॉल से पुलिस पहुंच गई विजय उर्फ उस्मान के मुकाम पर और कर दिया काम तमाम

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ABC NEWS: उमेश पाल और उनके दोनों सरकारी गनर की दिनदहाड़े हत्या के मामले में यूपी पुलिस एक्शन में है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आज तड़के विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी का एनकाउंटर कर दिया. विजय उर्फ उस्मान ने ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी. इसकी पहचान नहीं हो पा रही थी, लेकिन एक कॉल से पुलिस इस तक पहुंच गई.

दरअसल, 24 जनवरी को जब उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई तो इसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया. इस फुटेज में एक शख्स हाथ में पॉलीथीन लिए हुए फायरिंग करता हुआ दिखा. इसने ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी. इसकी ही फायरिंग से सरकारी गनर गिर पड़ा था और जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाया था.

रविवार को मिली थी टिप

प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच बदमाशों की शिनाख्त कर ली थी, लेकिन पहली गोली चलाने वाले विजय उर्फ उस्मान को पहचान नहीं पा रही थी. पुलिस ने फिर अपने मुखबिरों को एक्टिव किया. रविवार को पुलिस के पास एक कॉल आई और उसने उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाले विजय उर्फ उस्मान के बारे में जानकारी दी.

उस्मान की फायरिंग में सिपाही घायल
इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने आउटर एरिया में विजय उर्फ उस्मान को पकड़ने का जाल बिछाया. तड़के जैसे ही पुलिस ने विजय उर्फ उस्मान को पकड़ने की कोशिश की तो फायरिंग शुरू हो गई. इस दौरान एक सिपाही घायल हो गया. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विजय उर्फ उस्मान ढेर हो गया. विजय उर्फ उस्मान को अतीक गैंग का अहम सदस्य बताया जा रहा है.

क्यों 50 हजार का ही इनामी थी उस्मान?
विजय उर्फ उस्मान चौधरी की पहचान नहीं हो पाई थी, इसीलिए इस पर प्रयागराज पुलिस ने 50,000 का ही इनाम घोषित किया था. शासन को भेजी गई फाइल में पहचान नहीं होने की वजह से ढाई लाख का इनाम मंजूर नहीं हुआ. उमेश पाल हत्याकांड में अब तक दो बदमाश ढेर हो चुके हैं. सबसे पहले पुलिस ने अरबाज को ढेर किया था.

सबसे पहले एनकाउंटर में मारा गया था अरबाज
अरबाज ने ही बदमाशों को मौका-ए-वारदात पर छोड़ा था. वह क्रेटा कार चला रहा था. अरबाज को अतीक अहमद का करीबी बताया जाता था. इसके अलावा फायरिंग में शामिल एक अपराधी अरमान ने बिहार में सरेंडर किया था. वहीं अतीक के बेटा असद समेत कई बदमाश फरार हैं, जिन पर पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है.

मुख्तार का नेटवर्क भी कर रहा मदद?
इस बीच उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस टीमों को आशंका है कि शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटरों को छिपने और भागने में माफिया डॉन अतीक अहमद के साथ-साथ मुख्तार अंसारी का नेटवर्क भी मदद कर रहा है. मुख्तार अंसारी के नेक्सस से जुड़े कई संदिग्ध नंबर लखनऊ और बहराइच में यूपी एसटीएफ को सक्रिय मिले हैं.

नेपाल भाग गया अतीक का बेटा?
यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस की टीमें हर तरफ छापेमारी कर रही हैं. बमबाज गुड्डू मुस्लिम के साथ-साथ मोहम्मद गुलाम और साबिर के मददगारों के मोबाइल नंबर रडार पर है. पुलिस को जानकारी मिली है कि अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद ने बहराइच के रास्ते नेपाल में शरण ले ली है.

चार गाड़ियों से भागे थे शूटर
वहीं, बाकी शूटर मोहम्मद गुलाम, साबिर और गुड्डू मुस्लिम अभी यूपी में ही छिपे हो सकते हैं. घटना के बाद आरोपियों के फरार होने में 2 फॉर्च्यूनर, एक क्रेटा और एक जेस्ट कार का इस्तेमाल हुआ था. इन 4 गाड़ियों से अपराध को अंजाम देने के बाद बदमाश अलग-अलग दिशाओं में फरार हुए हैं. सभी गाड़ियों पर अलग-अलग फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थीं.

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