आजमगढ़ में छठ पूजा के दौरान महिलाओं पर छींटाकशी पर बवाल, दो पक्षों में जमकर मारपीट देखें VIDEO

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ABC NEWS: लोक आस्था का पर्व छठ सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस दौरान आजमगढ़ में अहरौला कस्बे के पास मतलूबपुर में तमसा नदी के तट पर पूजा के दौरान महिलाओं पर छींटाकशी को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गई. एक साथ कई युवकों के भिड़ने से अफरातफरी मच गई. मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. नदी के घाट पर सुरक्षा के लिए पुलिस भी तैनात रही लेकिन वह मूकदर्शक बनी रही.

आस-पास की व्रती महिलाएं सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नदी के तट पर पहुंची थीं. इस दौरान कुछ लोग महिलाओ पर छींटाकशी करने लगे. इसका विरोध करने पर विवाद हो गया। दो पक्षों के लोग आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में जमकर लात-घूसे चले। मारपीट का स्थानीय लोगों ने वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने बताया कि मारपीट के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं प्रयागराज, जौनपुर, वाराणसी, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया और लखनऊ समेत समूचे उत्तर प्रदेश मे लोकआस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन सप्तमी के उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु नदियों, पोखरों और तालाबों के किनारे उमड़ पड़े. महिलाओं ने परिवार के साथ वेदियों पर छठी मैया को धूप, दीप, नैवेध, फल, शाक सहित अन्य सामग्री अर्पित की। उदयाचल सूर्य के साथ व्रती महिलाएं जल में खड़े होकर अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू किया. भगवान भास्कर से संतान प्राप्ति, समृद्धि सहित सुहाग की सलामती की दुआ की. अर्घ्य देने और पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का छठ मइया का नर्जिला व्रत पूरा किया.

बिहार से शुरू हुई छठ पूजा आज पूरे भारत की पहचान है. प्रयागराज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर प्रात:काल से व्रत करने वाली महिलाएं सूर्य भगवान के उदय होने की प्रतीक्षा कर रही थी. आस्था के पर्व छठ पूजा के चार दिनों के कठोर व्रत परायण का पारंपरिक रीति रिवाज के साथ तीन दिनों तक व्रती महिलाओं ने छठ मइया का पूजन किया. चौथे दिन उन्होंने उगते सूर्य को आखिरी अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की मनोकामना की। संगम तट पर कुछ विदेशियों को भी छठ पूजा में महिलाओं के अर्घ्य देने की फोटो के लिए उनको देखा गया.

मान्यता है कि छठी व्रत रखने वाली महिलाओं को छठी मैया संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं और संतानवान व्रतियों को संतान के कल्याण का आशीर्वाद देती हैं. यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में. चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाये जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाये जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है. पारिवारिक सुख-समृद्धी तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है. स्त्री और पुरुष समान रूप से इस पर्व को मनाते हैं.

जल पुलिस प्रभारी जनार्दन प्रसाद साहनी ने बताया कि छठ पूजा पानी में खड़े होकर की जाती है. ऐसे में पानी में तेज बहाव से बहने एवं हादसे की संभावना भी रहती है. इसके लिए प्रशासन की ओर से विशेष प्रबंध किए थे. सुरक्षा के लिए जल पुलिस गोताखोर व पीएसी की टीम रात भर तैनात रही.

प्रात:काल से टीम के सदस्यों ने पानी में बोट एवं कश्तियिां लेकर चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे. उन्होंने बताया कि उनकी टीम के सदस्य लोगों को गहरे पानी में जाने से रोक रही थी, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी होने से बचा जा सके. इस दौरान लोगों ने भी उनका सहयोग किया और हर्षोल्लास का पर्व बिना अनहोनी के संपन्न हुआ.

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