कर्नाटक में आरक्षण को लेकर बवाल; येदियुरप्पा के घर पर पथराव; पुलिस अफसर घायल

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ABC NEWS: कर्नाटक में आरक्षण के प्रावधानों में हुए बदलाव के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है. सोमवार को शिवमोगा जिले में स्थित पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के घर और ऑफिस पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके. इस पथराव में कुछ पुलिस अधिकारियों के घायल होने की खबर है. प्रदर्शनकारियों की ओर से पथराव किए जाने के बाद शिकारीपुरा शहर में CrPC की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, बंजारा और भोवी समुदायों के सदस्यों की ओर से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया. इसमें भाग लेने  बड़ी संख्या में आए प्रदर्शनकारी आए हुए थे, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं. इन लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. बताया जा रहा है कि बंजारा समुदाय के भी कुछ सदस्य घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारी येदियुरप्पा के घर के पास एकत्र हो गए थे. कुछ देर बाद उन्होंने पथराव शुरू कर दिया, जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए. स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख क्षेत्र में अतिरिक्त बलों को बुलाया गया.

आखिर क्यों भड़का है बंजारा समुदाय
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में बंजारा समुदाय अनुसूचित जाति (SC) के आरक्षण का एक अहम लाभार्थी रहा है. हालांकि, राज्य की बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ओर से हुई कुछ घोषणाओं ने असमंजस में डाल दिया है. बंजारा समुदाय के लोग आरक्षण में कटौती का खतरा महसूस कर रहे हैं. सदाशिव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की ओर से घोषित आंतरिक आरक्षण ने अनुसूचित समुदाय के भीतर विभिन्न उप-जातियों को विशेष कोटा दिया है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ‘अनुसूचित जाति’ के एक वर्ग को कम आरक्षण दिया गया, जिससे बंजारा समुदाय का संबंध है.

आरक्षण को लेकर हुए ये बदलाव
राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर यह सिफारिश भी की थी कि प्रस्ताव को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. बोम्मई सरकार के हालिया कदम से अनुसूचित जाति (राइट) को 5.5%, अनुसूचित जाति (लेफ्ट) को 6% और ‘छूतों’ को 4.5% आरक्षण मिला है. इस फैसले से बंजारा समुदाय के लोग बहुत नाराज हैं. इन्हें पहले 17% अनुसूचित जाति आरक्षण मिलता था. मालूम हो कि बंजारा लोग ‘छूत’ कैटेगरी के तहत आते हैं. अब वे आरक्षण कोटा के केवल 4.5% तक सीमित हैं.

मुस्लिम आरक्षण को लेकर भी माहौल गरमाया
वहीं, कर्नाटक मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को फैसला किया था कि मुस्लिम समुदाय को 2B आरक्षण सूची से हटाया जाएगा. इसके बाद नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दिए गए 4 प्रतिशत आरक्षण को वोक्कालिगा और वीरशैव लिंगायत समुदायों में 2-2 प्रतिशत बांटा देंगे. सरकार ने मुसलमानों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित 10 प्रतिशत आरक्षण में स्थानांतरित कर दिया. इस बीच, कांग्रेस ने सत्ता में आने पर मुसलमानों के लिए आरक्षण बहाल करने का वादा किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा, ‘सरकार सोचती है कि आरक्षण को संपत्ति की तरह बांटा कजा सकता है. यह संपत्ति नहीं है। यह (अल्पसंख्यकों का) अधिकार है.’

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