ABC NEWS: UP में दो-तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण किसानों का बुरा हाल है. पहले कम बारिश की वजह से खरीफ की फसलें प्रभावित हुईं थी और अब लगातार बारिश मुसीबत बन गया है. बारिश के कारण खेतों में धान बिछ गई है.
बेमौसम बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है. धान काटने का समय हो गया है ऐसे में बारिश ने किसानों के लिए सिर दर्द बन गया है. वहीं अनाज के दाम महंगे होने का भी डर सता रहा है. धान के बुवाई के दौरान बारिश न होने के कारण सूखे का डर सता रहा था लेकिन अब बेमौसम बारिश के कारण धान बिछ गई है.
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक यूपी में करीब 67 जिलों में सबसे अधिक बारिश हुई है. रविवार की शाम पांच बजे से सोमवार की सुबह आठ बजे तक सबसे अधिक बारिश बरेली के मीरगंज इलाके में हुई. यहां 23 सेमी बारिश हुई। इसके अलावा बिजनौर के नजीराबाद में 17 सेमी, जालौन के कालपी में 12 सेमी हमीरपुर के शहजीना में 11सेमी बारिश हुई है.
खेतों में लबालब भरा पानी
बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है. जिसकी वजह से फसलें खराब हो रही हैं. धान, मक्का, आलू, बाजरा, दलहन और तिलहन की फसलें बुरी तरफ प्रभावित हुई हैं. जिन किसानों ने धान की कटाई करके खेत में ही फसल छोड़ी थी. उनके भीग गई है. वही जिन्हें अभी फसल नहीं काटी थी उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ेगा.
मेड़ काटकर पानी निकाल दें किसान
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस अतिवृष्टि से खेती को भारी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के सेवानिवृत्त उप निदेशक सी.पी.श्रीवास्तव का कहना है कि तिल, मूंग व उड़द की फसलें तो पूरी तरह बर्बाद हो गईं. धान की तैयार होती फसल करीब 30 फीसदी खेतों में बिछ गई हैं. इसके साथ ही औद्यानिक फसलों में तैयार होते केले और लता वाली सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि खेतों में भरे पानी को मेड़ काटकर निकाल दें.
इसके अलावा धान के खेतों में फिलहाल यूरिया व डीएपी का इस्तेमाल अभी बिल्कुल न करें. संयुक्त निदेशक कृषि (प्रसार) आर.के.सिंह ने बताया कि इस भारी बारिश से खेती को हुए नुकसान का आंकलन करवाया जा रहा है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से आच्छादित किसानों को तो तत्काल नुकसान की भरपाई मिलेगी बाकी किसानों को हुए नुकसान के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा.