ABC NEWS: उन्नाव (Unnao) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां सफीपुर कोतवाली में प्रभारी (SHO) पद पर तैनात इंस्पेक्टर का शव उनके कमरे में लटकता मिला. कयास लगाए जा रहे हैं की एसएचओ ने अपने अपने सरकारी आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हालांकि सुसाइड की वजह स्पष्ट नहीं हुई है, मगर बताया जा रहा है एसएचओ ने पारिवारिक विवाद में आत्महत्या की है. इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
इंस्पेक्टर अशोक वर्मा ने 18 दिन पहले ही सफीपुर कोतवाली का चार्ज सम्भाला था. दो दिन पहले उन्होंने यहां गैंगरेप और हत्या के एक मामले में आरोपितों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई पूरी कराई थी.
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी मौके पर पहुंचे. वर्ष 2012 बैच के आश्रित कोटे से दरोगा पद पर भर्ती हुए अशोक वर्मा मूलतः बिजनौर के रहने वाले थे. जुलाई में उनका तबादला लखनऊ रेंज के खीरी से उन्नाव कर दिया गया था. पुलिस लाइन उन्नाव में आमद कर आते ही पांच जुलाई को एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने उन्हें सफीपुर कोतवाली प्रभारी पद की कमान सौंपी थी.
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक एसएचओ सफीपुर अशोक कुमार का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला. एसएचओ को बुलाने गए सिपाही ने कमरे में लगे पंखे के हुक से शव लटकता देखा तो चीख पुकार मच गई. इसके बाद थाने में मौजूद अन्य पुलिस कर्मी भी मौके पर पहुंच गए. घटना की जानकारी तुरंत पुलिस अधीक्षक को दी गई. सूचना मिलते ही एसपी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई.
बताया जा रहा है कि रात करीब 11 बजे एसएचओ अपनी टोली के साथ आगामी मुहर्रम के त्योहार के चलते क्षेत्र के पीखी गांव से गस्त से वापस लौटे थे. इस बाद एसएचओ ने पुलिसकर्मियों से एक घंटे बाद दोबारा गस्त जाने की बात कह तैयार रहने को कहा था. एक घंटे बाद जब सिपाही उन्हें बुलाने आवास पर पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. सूचना पर पहुंचे एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा और अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर ने बताया की प्रथम दृष्टया मामला पारिवारिक विवाद में आत्महत्या का लग रहा है. फिलहाल, पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.