उमेश पाल हत्याकांड: 3 गाड़ियां, 14 राउंड फायरिंग और बमबारी, जांच में आईं ये बातें

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ABC NEWS: विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कई राउंड फायरिंग और बमबाजी से प्रयागराज का धूमनगंज इलाका थर्रा उठा था. इस वारदात से पीड़ित परिवार में मातम और आक्रोश का माहौल है. पुलिस ने इस मामले में हत्या, हत्या का प्रयास के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है. अतीक अहमद के दोनों बेटों के साथ करीब 14 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इस हत्याकांड की चल रही जांच में अभी तक कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

बदमाशों के पास हथियारों का जखीरा था
बताया जा रहा है कि बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के लिए 3 गाड़ियों का इस्तेमाल किया था. इसमें दो बाइक और एक सफेद रंग की क्रेटा कार थी. बदमाशों के पास हथियारों का जखीरा था. इसमें चार पिस्टल एक राइफल थी. इन्हीं से उमेश पाल और उनके गनर पर फायरिंग की गई. वहीं, एक बदमाश बैग से बम निकालकर मार रहा था.

बदमाशों ने करीब 14 राउंड फायरिंग की
अभी तक की जांच और घटनास्थल से मिले डिजिटल एविडेंस से पता चला है कि बदमाशों ने करीब 14 राउंड फायरिंग की थी. ये फायरिंग .765 बोर और .32 बोर के असलहों से की गई. इस सनसनीखेज वारदात को लेकर प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया है कि उमेश पाल और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हुई है. दूसरे सुरक्षाकर्मी का इलाज चल रहा है, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने दर्ज कराया केस
उन्होंने बताया कि इस घटना के संबंध में शनिवार सुबह उमेश पाल की पत्नी जया पाल के द्वारा केस पंजीकृत कराया गया है. इसमें माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक का भाई अशरफ और उसके दो बेटों को नामजद किया गया है. इसके साथ ही अतीक अहमद के दो अन्य साथियों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है.

ऐसी कार्रवाई होगी जो नजीर बनेगी- पुलिस कमिश्नर
शर्मा ने बताया कि इस केस में प्रयागराज पुलिस की 10 टीमें आरोपियों की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही हैं. कहा कि, “मैं पुलिस कमिश्नर के तौर पर यहां की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस जघन्य कांड में जो भी माफिया और उसके साथी शामिल हैं, उनके खिलाफ पुलिस की कठोरतम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जो कि भविष्य के लिए नजीर होगी.”

गाड़ियों के साथ ही पैदल भी आए थे बदमाश
गौरतलब है कि उमेश पाल की हत्या उस वक्त की गई जब वो कोर्ट में सुनवाई के बाद अपने घर लौट रहे थे. गाड़ी से उतरते ही घात लगाकर बैठे बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. उमेश पाल पर हमला करने के लिए बाइक और कार के साथ-साथ बदमाश पैदल भी आए थे, जो सड़क के दूसरी ओर खड़े थे.

44 सेकंड के अंदर वारदात को दिया अंजामघटना के एक चश्मदीद ने बताया कि हमले में उमेश पाल को गोली लग गई, जिसके बाद वो अपने घर की तरफ भागे. इस पर बदमाशों ने तंग गली में घुसकर फायरिंग की. उमेश पाल का गनर संदीप निषाद भी घायल होने के बाद गली में भागा, जिसको निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम मार दिया. संदीप घायल अवस्था में घर के बाहर गिर पड़ा. इस पूरी वारदात को महज 44 सेकंड के अंदर अंजाम दिया गया.

अतीक अहमद और उमेश पाल की अदवात
बता दें कि अतीक अहमद और उमेश पाल सिंह की अदवात काफी पुरानी थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल का साल 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था. उमेश पाल का अपहरण करवा कर राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद ने अपने पक्ष में गवाही करवा ली थी.

अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज करवाया था केस
उमेश पाल ने इसी मामले में अतीक अहमद के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. 24 फरवरी को इसी मामले में बहस के लिए उमेश पाल कोर्ट गया था. कोर्ट से निकलने के बाद उमेश पाल अपने भतीजे की क्रेटा कार से घर वापस आ रहे थे. बदमाशों ने कोर्ट से उसका पीछा किया था और गाड़ी से उतरते ही घर के सामने गोली मारकर उमेश पाल की हत्या कर दी.

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