बदायूं में करोड़पतियों के बीच कड़ा मुकाबला, शिवपाल यादव के बेटे हैं सबसे अमीर प्रत्याशी

News

ABC NEWS: तीसरे चरण के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारिख थी. बदायूं से 16 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद 4 प्रत्याशियों के पर्चे खारिज कर दिए गए और एक निर्दलीय प्रत्याशी किशोर कुमार पाल ने अपनी दावेदारी वापस ले ली है. अब बदायूं लोकसभा के लिए कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमे बसपा से मुस्लिम खां, सपा से आदित्य यादव और बीजेपी से दुर्विजय सिंह शाक्य मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं. बदायूं यूपी की चर्चित सीटों में से एक है. कारण, यहां से इस बार शिवपाल यादव ने खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटे आदित्य को सपा के टिकट पर उम्मीदवार बनवाया है.

बदायूं में करोड़पति प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला है. सपा, बीजेपी और बसपा के प्रत्याशियों में सपा के आदित्य यादव 14.21 करोड़ के कुल संपत्ति के साथ बदायूं के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. वहीं बसपा के मुस्लिम खां 1.83 करोड़ और बीजेपी के दुर्विजय सिंह शाक्य 1.34 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे पायदान पर आते हैं. सबसे कम संपत्ति होने के बाद भी दुर्विजय सिंह के 2 गाड़ियां मेंटेन किए हुए हैं, जबकि आदित्य यादव के पास एक भी गाड़ी नहीं है. दुर्विजय सिंह के पास 2 स्मार्टफोन हैं, जिनकी कीमत 2.15 लाख और एक स्मार्ट वॉच कीमत 25000 भी है. आदित्य यादव के पास 56.4 हजार कीमत का स्मार्टफोन है, जबकि मुस्लिम खां के शपथ पत्र में स्मार्टफोन का जिक्र नहीं है.

हथियार के शौकीन हैं तीनों प्रत्याशी

आदित्य यादव, मुस्लिम खां और दुर्विजय सिंह शाक्य, तीनों को हथियारों का शौक है. शपथ पत्र के अनुसार तीनों ने गन लाइसेंस ले रखा है. आदित्य यादव के पास 2.86 लाख की पिस्टल है, मुस्लिम खां के पास रिवॉल्वर है, जबकि दुर्विजय सिंह ने अभी तक हथियार ही नहीं खरीदा है. कानूनी केस की बात करें तो दुर्विजय सिंह शाक्य पर कोई भी मुकदमा नहीं है. किसी भी प्रकार का कोई वाद लंबित नहीं है. वहीं आदित्य यादव पर भी मुकदमा नहीं है लेकिन आदित्य यादव पर आयकर विभाग आगरा में 3,62,582 रुपये का एक वाद लंबित है, जबकि मुस्लिम खां के खिलाफ IPC की धारा 406 के तहत अलापुर थाने में मुकदमा दर्ज है, जो कोर्ट में विचाराधीन है.

ये है बदायूं का समीकरण
बदायूं हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए एक धार्मिक महत्व वाला जिला माना जाता है. यहां ऐसे कई खंडहर और स्मारक हैं जो इसके अतीत की कई किंवदंतियों को बताते हैं. बदायूं से कई महान हिंदी-उर्दू कवि और लेखक हुए हैं जिनमें गुलाम मुस्तफा खान, उस्ताद राशिद खान, जिलानी बानो शामिल हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, इसकी कुल जनसंख्या 1,59,221 थी. लोकसभा सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व है. यहां दोनों ही मतदाता करीब 15-15 फीसदी हैं. 2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 18 लाख मतदाता हैं, इसमें 9.7 लाख पुरुष और 7.9 लाख महिला मतदाता हैं.

2019 में बीजेपी ने जीती थी सीट
बदायूं लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी और बदायूं आती हैं. बदायूं लोकसभा क्षेत्र को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और पिछले 6 लोकसभा चुनाव से सपा इस सीट पर अजेय रही. 2019 में बदायूं लोकसभा क्षेत्र से 9 उम्मीदवार मैदान में थे. मुख्य मुकाबला सपा के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव और बीजेपी की संघमित्रा मौर्य के बीच था. कांग्रेस ने सलीम इकबाल शेरवानी को मैदान में उतारा था. इनके अलावा 4 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय थे. इस सीट से बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने जीत हासिल की, उन्हें 5,11,352 वोट मिले थे. सपा को हार का सामना करना पड़ा था. धर्मेन्द्र यादव को 4,92,898 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी 51,947 वोटों के सात तीसरे स्थान पर रहे.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media