ABC NEWS: टमाटर अभी लंदन में बड़ा मुद्दा है. हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है. दरअसल, यह बाजारों से गायब हो गया है. एक आयुर्वेद डॉक्टर डॉ. शिवानी मिश्रा ने कहा, जब वह अपने ऑफिस के बगल में एक किराने की दुकान पर फूलगोभी की लेने गईं तो उन्होंने देखा कि ब्रिटेन में सुपरमार्केट की शेल्फ में फूलगोभी, मिर्च, कुछ फल और हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा टमाटर जैसी बेसिक चीजें ही नहीं हैं.
‘कभी- कभी तो सब्जी ही नहीं मिलती’
वहां की एक युवा महिला अमृता ने कहा ”जब हम सुपरमार्केट जाते हैं, तो हमें एक सीमित स्टॉक मिलता है. एक व्यक्ति कुछ ही सब्जियां ले जा सकता है और फिर आपको बार- बार जाना होगा. कभी-कभी आपको कोई सब्जी नहीं मिलती है, तो आपको एक स्थानीय सुपरमार्केट ढूंढना पड़ता है.”
कुछ सुपरमार्केट ने बनाया केवल 3 पैकेट ले जाने का नियम
सप्लाई कम होने के कारण कुछ सुपरमार्केट ने ले जाने के लिए फलों और सब्जियों के पैकेटों की संख्या को तीन तक सीमित करना शुरू कर दिया है. स्कूल टीचर काइल कहते हैं कि वे लकी थे कि उन्हें बड़े सुपरस्टोर से मिर्च का आखिरी पैकेट मिल गया. काइल ने कहा, “यह काफी चौंकाने बात है कि हमें साल भर मिलने वाली मिर्च भी नहीं मिल पा रही है.”
ब्रिटेन में क्यों गायब बाजार से सब्जी?
इसका कारण है कि दक्षिणी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका, मुख्य रूप से स्पेन और मोरक्को से टमाटर, फलों और सब्जियों के मेजर इंपोर्टर्स को खराब मौसम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. एनर्जी की हाई कोस्ट के कारण स्थानीय किसान डिमांड को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं.
स्पेन और मोरक्को के मौसम से ब्रिटेन में मुसीबत
यहां के अजय कक्कड़ के परिवार के पास एक एशियाई किराने की दुकान है, जो लगभग 70 वर्षों से है. सप्लायर्स द्वारा उन्हें प्राथमिकता मिलने के बावजूद, कई खाद्य पदार्थों की कमी को लेकर उन्होंने अपने ग्राहकों को संयम रखने की सलाह दी है. कक्कड़ ने कहा “फिलहाल सबसे बड़ी समस्या स्पेन और मोरक्को में मौसम है. साल के इस समय हमें स्पेन से टमाटर, खीरा आदि मिलता है और यह अभी बहुत मुश्किल हो रहा है. साथ ही पहले हम यूरोप से एक दिन में सब्जियां मंगवाते थे, लेकिन ब्रेक्जिट के कारण अब वह भी संभव नहीं है. कुछ चीजों के दाम पांच गुना बढ़ गए हैं. ऐसे में हम अपने ग्राहकों को उनकी जरूरत के हिसाब से खरीदारी करने की सलाह दे रहे हैं.’
सप्लाई में कमी के कई और कारण
यह सिर्फ कोई एक कारण नहीं है बल्कि कोरोना के ठीक बाद यूक्रेन में युद्ध, ब्रेक्सिट और अब मौसम के चलते यह इंफ्लेशन और हाई कोस्ट है. मंदी के किसी भी क्षण उछाल के लिए तैयार होने के साथ, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर दबाव महसूस हो रहा है.
तीन गुना दामों पर मिल रही गोभी
शिवानी ने कहा “मैं आज फूलगोभी बनाना चाहती थी, लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं इसे बना पाऊंगी या नहीं क्योंकि यह बहुत महंगी है. पहले यह एक पाउंड की हुआ करती थी, अब यह 3.29 पाउंड हो गई है. इससे जिंदगी यहां महंगी हो गई है. हर कोई इसका खामियाजा भुगत रहा है.”
इधर ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम (बीआरसी) को उम्मीद है कि यह संकट अगले दो हफ्तों में समाप्त हो जाएगा, लेकिन सब्जी बेचने वाले इसको लेकर आश्वस्त नहीं दिखाई पड़ रहे हैं.