आज UCC पर राय देने का अंतिम दिन,अब तक मिले 80 लाख रिस्पॉंस

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ABC News :( ट्विंकल यादव ) जून 2023 में विधि आयोग ने देश के लोगों से एक समान नागरिक सहिंता को लेकर सवाल मांगे थे. आयोग के नोटिफिकेशन के बाद से ही देश में यूसीसी को लेकर बहस जारी है.

देश में एक समान नागरिक सहिंता को लेकर विधि आयोग को सुझाव देने का आज आखिरी दिन है. अभी तक विधि आयोग को करीब 80 लाख रिस्पॉंस मिल चुके हैं. लॉ कमीशन का कहना है कि वह आने वाले दिनों में उन संगठनो से मुलाकात करेगा जिन संगठनों ने उसको विस्तृत और लिखित सुझाव दिए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधि आयोग यूसीसी को लेकर कई महिला संगठनों और उन व्यक्तियों से भी मुलाकात करेगा जिन लोगों ने उसको बेहतरीन और तथ्यपरक सुझाव दिए हैं.

पीएम ने MP में उठाया था UCC का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को मध्य प्रदेश में एक जनसभा के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि वर्तमान में UCC के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो वो घर नहीं चल पाएगा. ऐसे में दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है. सुप्रीम कोर्ट भी कह रही है कि कॉमन सिविल कोड लाओ.

क्‍या है समान नागरिक संहिता (UCC)
समान नागरिक संहिता यानी एक देश और एक कानून. जिस देश में भी समान नागरिक संहिता लागू होती है, उस देश में विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, संपत्ति के बंटवारे से लेकर अन्‍य सभी विषयों को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं, वो सभी धर्म के नागरिकों को समान रूप से मानने होते हैं. फिलहाल भारत में कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय हैं. ऐसे में अगर समान नागरिक संहिता को भविष्‍य में लागू किया जाता है तो देश में सभी धर्मों के लिए वही कानून लागू होगा जिसे भारतीय संसद द्वारा तय किया जाएगा.

अभी तक सिर्फ गोवा में लागू है UCC
भारत में गोवा एकमात्र ऐसा राज्‍य है जहां UCC लागू है. संविधान में गोवा को विशेष राज्‍य का दर्जा दिया गया है. इसे गोवा सिविल कोड के नाम से भी जाना जाता है. वहां हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समेत सभी धर्म और जातियों के लिए एक ही फैमिली लॉ है. इस कानून के तहत गोवा में कोई भी ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता है. रजिस्‍ट्रेशन कराए बिना शादी कानूनी तौर पर मान्‍य नहीं होगी. शादी का रजिस्‍ट्रेशन होने के बाद तलाक सिर्फ कोर्ट के जरिए ही हो सकता है. संपत्ति पर पति-पत्‍नी का समान अधिकार है. इसके अलावा पैरेंट्स को कम से कम आधी संपत्ति का मालिक अपने बच्चों को बनाना होगा, जिसमें बेटियां भी शामिल हैं. गोवा में मुस्लिमों को 4 शादियां करने का अधिकार नहीं है, जबकि कुछ शर्तों के साथ हिंदुओं को दो शादी करने की छूट दी गई है.

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