ABC NEWS: आज भाद्रपद माह का कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat) है. इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखते हैं. बाबा काल भैरव तंत्र-मंत्र के देवता हैं और वे रक्षक भी हैं. जो लोग तंत्र साधना करते हैं, वे रात्रि के समय में बाबा भैरवनाथ की पूजा करते हैं और मंत्रों की सिद्धि करते हैं. जो लोग रोग, ग्रह दोष, शत्रु आदि से पीड़ित हैं, वे भी बाबा महाकाल की पूजा करते हैं. काल भैरव हर प्रकार के दुख और दोष को मिटा देते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बता रहे हैं कालाष्टमी व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा के बारे में.
कालाष्टमी व्रत 2022 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 18 अगस्त को रात 09 बजकर 20 मिनट पर हुआ है, यह तिथि आज 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद माह का कालाष्टमी व्रत आज 19 अगस्त को है.
आज सुबह से ही धुव्र योग लगा हुआ है, जो आज रात 09:00 बजे तक है. उसके बाद से व्याघात योग लगेगा. ध्रुव योग शुभ और व्याघात योग को अशुभ माना जाता है. आज दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है.
कालाष्टमी पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन प्रात:काल में स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र पहनते हैं. फिर दिनभर व्रत रखते हैं और रात्रि के समय बाबा काल भैरव की पूजा करते हैं. या तो आप किसी काल भैरव के मंदिर में जाकर पूजा करें या घर पर काल भैरव की मूर्ति स्थापित करके पूजा करें.
बाबा काल भैरव को अक्षत्, पान, नारियल, गेरुआ, फूल आदि अर्पित करके पूजा करें. इसमें आप काल भैरव चालीसा, काल भैरवाष्टक आदि का पाठ करें. काल भैरव के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. मंत्रों का सही उच्चारण करें.
काल भैरव की पूजा के बाद उनके वाहन श्वान यानि कुत्ते को दूध और मीठी रोटी खिलाएं. यदि काला कुत्ता मिले तो ज्यादा अच्छा रहता है. कहा जाता है कि कुत्ते को नहीं मारना चाहिए, इससे काल भैरव नाराज हो सकते हैं.