ABC NEWS: संकट मोचन भगवान हनुमान को कलयुग का राजा कहा गया है. ऐसा कहा जाता है कि वह हमेशा किसी न किसी रूप में भक्तों को खुद के होने की झलक दिखाते रहते हैं. हनुमानजी के सभी मंदिरों की काफी मान्यताएं हैं और हनुमान मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते रहते हैं लेकिन नर्मदा नदी के किनारे स्थित इस हनुमान मंदिर की कहानी अनोखी है. यहां विराजमान बजरंगबली अपने सिंदूरी रूप में भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं. साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की मिलती है.
यह मंदिर जबलपुर के तिलवारा क्षेत्र में स्थित है. यहां हर रोज हजारों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए ना केवल जबलपुर के लोग बल्कि पूरे देशभर से श्रद्धालु माथा टेकने करने के लिए आते हैं. हनुमान जी का ये मंदिर काफी प्राचीन और लोकप्रिय है. आइए हम आपको इस जगह के बारे में कुछ अनोखी बातें बताते हैं.
पाठ सुनने आते हैं बंदर
इस मंदिर के पुजारी जी ने बताया कि जब भी यहां हनुमान चालीसा या रामायण का पाठ होता है तब श्रीराम की वानर सेना यहां मंदिर में आकर बैठ जाती है और पूरे ध्यान से हनुमान चालीसा पाठ और रामायण पाठ सुनती है. उन्होंने कहा कि बंदर सिर्फ पाठ के समय आते हैं और पाठ सुनकर चले जाते हैं. वे मंदिर में किसी भक्त को छेड़ते या परेशान नहीं करते हैं और ना ही कोई भक्त उन्हें छेड़ता है.
मां नर्मदा भी दर्शन के लिए आती हैं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी को सिंदूर बेहद प्रिय है. ऐसा कहा जाता है कि मंगलवार के दिन सच्चे मन से हनुमानजी को सिंदूर लगाने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जबलपुर के तिलवारा घाट पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर के पुजारी दामोदर दास ने बताया कि मां नर्मदा के किनारे स्थित हनुमानजी के सभी मंदिरों की विशेष मान्यताएं हैं. कहते हैं कि मां नर्मदा स्वयं यहांआकर हनुमान जी के दर्शन करती हैं. बताया जाता है कि कोई सुबह के समय इस मंदिर में जरूर आता है और दर्शन करके चला जाता है.
महिलाओं को प्रतिमा छूने की नहीं है इजाज़त
पुजारी के मुताबिक हनुमानजी एक ब्रह्मचारी थे और शास्त्रों के अनुसार किसी भी स्त्री को ब्रह्मचारी को स्पर्श नहीं करने की मनाही होती है. इसलिए मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के आस-पास पारदर्शी शेड लगाया गया है, जिससे महिलाएं हनुमानजी की प्रतिमा को न छू पाएं. पुजारी जी ने बताया कि हनुमानजी के मंदिरों में जाकर प्रतिमा को छूने की महिलाओं को इजाजत नहीं है, जिसकी वजह से 24 घंटे उनकी प्रतिमा के आसा-पास पारदर्शी शेड लगा रहता है.