ABC NEWS: शनि देव न्याय के देवता कहे जाते हैं. हर व्यक्ति चाहता है कि उस पर शनि देव की कृपा बनी रहे क्योंकि शनि के अशुभ होने पर जीवन में परेशानियों का सिलसिला लगा रहता है. उसे किसी काम में सफलता हासिल नहीं होती और काम बिगड़ते चले जाते हैं. लेकिन आपकी ये परेशानियां जूते-चप्पलों से दूर हो सकती हैं. जी हां, जूते-चप्पलों से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही साढ़ेसाती और ढैय्या से भी राहत मिलती है. आमतौर पर मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने पर लोग निराश हो जाते हैं. मंदिर से भगवान के दर्शन के बाद जब लोगों को अपने जूते-चप्पल नहीं मिलते हैं तो वे मन ही मन खरी-खोटी सुनाने लगते हैं.
लेकिन मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना शुभ माना जाता है. जूते-चप्पलों का चोरी होना आप पर आने वाले शनि के अशुभ प्रभाव का दूर होना माना जाता है. इससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम होता है.
शनि दोष से मुक्ति के लिए जूते-चप्पल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं, जोकि बेहद कारगर साबित होते हैं. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं जूते-चप्पल के चोरी होने से जुड़े शुभ-अशुभ संकेत और उपाय के बारे में.
जूते-चप्पलों से साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलती है राहत
- माना जाता है कि शनि दोष व्यक्ति के पैरों से ही चढ़ता है, इसलिए शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए लोग मंदिर में काले रंग के या चमड़े के जूते-चप्पल पहनकर जाते हैं और उसे मंदिर में ही छोड़ आते हैं. इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
- शनिवार के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पलों का दान करने से भी शनि दोष से राहत मिलती है.
- शनिवार के दिन मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना शुभ संकेत माना जाता है. यह इस बात का संकेत है कि शनिदेव आपसे प्रसन्न हैं और शीघ्र ही उनकी कृपा प्राप्त होने वाली है.
- जिन लोगों की कुंडली में शनि का बुरा प्रभाव होता है उन्हें कटे-फटे जूते बिल्कुल नहीं पहनने चाहिए.