PFI पर बैन के बाद कानपुर में बढ़ी हलचल:शहर से आतंकियों का रहा है पुराना नाता

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ABC NEWS: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया है. इसे लेकर कानपुर में भी सख्ती बढ़ाई गई है. आतंकियों और उनसे जुड़े संगठनों का शहर से भी नाता रहा है. पहले आतंकियों की तलाश में NIA और कई अन्य जांच एजेंसियां शहर में छापेमारी करती रही है. इसके अलावा आतंकी गतिविधियों से जुड़ी गतिविधियां भी सामने आ चुकी हैं. अब जब पीएफआई और इससे जुड़े 8 संगठनों पर जब केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया है, तो शहर में खुफिया विभाग और पुलिस प्रशासन सख्त हो गए हैं.

पाक समर्पित आतंकी संगठन का मिला था झंडा
कानपुर से आतंकवाद का पुराना नाता रहा है. हाल के दिनों में कई बार आतंकियों की तलाश में राष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने शहर में छापेमारी की. कई लोगों को दबोचा भी था. अभी हाल में ही स्वरूप नगर में चांदनी नर्सिंग होम के सामने एक मेडिकल स्टोर पर पाक समर्थित आतंकी संगठन का झंडा लगा होने का मामला सामने आया था. वीडियो वायरल होने के बाद झंडा हटा दिया गया था. खुफिया एजेंसी ने इसकी जांच की थी. पता चला था कि वहां पाक समर्थित आतंकी संगठन से युवाओं को जोड़ने के लिए चंदा लेकर सदस्यता भी दी जाती थी.

खुफिया के रडार पर PFI सदस्य
PFI पर बैन लगाए जाने के बाद कानपुर में भी पुलिस, खुफिया एजेंसी के साथ ATS सतर्क हो गई है. जेल से बाहर 6 पीएफआई सदस्यों में से 5 पुलिस के रडार पर हैं. एक का अब तक कोई अता-पता नहीं चला है. दूसरी ओर मामले में संदिग्धों और दूसरे चरमपंथी संगठनों पर लगातार नजर रखी जा रही है. महानगर में पिछले कुछ सालों में ISI एजेंटों के अलावा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अलकायदा समर्थित गजवातुल हिंद और दावते इस्लामी सहित तमाम आंतकी व चरमपंथी संगठन सक्रिय हैं. हाल के सालों में यहां से दर्जनों की संख्या में आतंकी और स्लीपर सेल के लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इस वजह से यहां भी सख्ती बढ़ाई गई है.

22 नवंबर 2006 को हुआ था गठन
पीएफआई 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए. पीएफआई खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है. इसके कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है. हालांकि, पीएफआई दावा करता है कि 20 राज्यों में उसकी यूनिट है.

सलाम है इसका अध्यक्ष
शुरुआत में पीएफआई का हेडक्वार्टर केरल के कोझिकोड में था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली शिफ्ट कर लिया गया. ओएमए सलाम इसके अध्यक्ष हैं और ईएम अब्दुल रहीमान उपाध्यक्ष. पीएफआई की अपनी यूनिफॉर्म भी है. हर साल 15 अगस्त को पीएफआई फ्रीडम परेड का आयोजन करता है.

टेरर फंडिंग में हुई थी छापेमारी
देश के 15 राज्यों में पीएफआई पिछले कई महीनों से एक्टिव है. गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में यह संगठन सक्रिय है. हाल ही में पीएफआई से जुड़े कई मामले सामने आए हैं जिसकी जांज एएनआई कर रही है.

कानपुर भी पहुंची थी एनआईए

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के टेरर कनेक्शन पर पुख्ता सबूत मिलने पर शहर-शहर से संदिग्ध उठाए गए. 22 सितंबर को 15 राज्यों में 106 जगहों पर एनआईए ने छापा मारा था. पांच दिन बाद मंगलवार को फिर छापेमारी हुई. यूपी के करीब 26 जिलों से 56 लोगों को उठाया गया जिसमें लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जिले शामिल हैं. लखनऊ में एनआईए और एटीएस की टीम ने छापेमारी कर बख्शी तालाब के गांव से छह लोगों को हिरासत में लिया था.

सहयोगी संगठनों पर भी बैन

केंद्र ने पीएफआई के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.

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