ABC NEWS: अमेरिका के एक 33 वर्षीय व्यक्ति ने एक आई-कैचिंग इनोवेशन (Eye-Catching Innovation) बनाया है. कैंसर से अपनी एक आंख गंवाने वाले ब्रायन स्टेनली (Brian Stanley) ने अपनी खुद की कृत्रिम आंख (Prosthetic Eye) बनाई. इंजीनियर ने अपने कृत्रिम नेत्रगोलक (प्रोस्थेटिक गोल आंख) को पूरी तरह से काम करने वाली टॉर्च में बदल दिया. गैजेट गीक और इनोवेटर ने इंस्टाग्राम पर अपनी कृत्रिम आंख दिखाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में आप आंख से हेडलैम्प की तरह लाइट निकलते हुए देख सकते हैं. उन्होंने खुद लाइट बंद करके कमरे में आंख से आने वाली लाइट का डेमो दिया.
कैंसर से आंख हुई खराब तो कर दी ऐसी खोज
वीडियो में ब्रायन स्टेनली ने कहा कि टाइटेनियम स्कल लैंप (Titanium Skull Lamp) अंधेरे में पढ़ाई करने के लिए एकदम सही है. उनका कहना है कि यह गर्म नहीं होता और इसकी बैटरी लाइफ 20 घंटे की होती है. उनके वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी सराहना मिल रही है. सिर्फ 2 दिनों में वीडियो को 1 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं. एक यूजर ने लिखा, ‘गजब, यह कमाल है. मैड मिमिर फ्रो गॉड ऑफ वॉर यहीं वाइब्स देता है.’ एक अन्य ने लिखा, ‘एक्सपर्ट: आप अपने स्वयं के प्रकाश स्रोत हो सकते हैं. विपक्ष हर कोई आपसे पहले डरावने जंगल में जाने की उम्मीद करेगा.’
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वीडियो देखने के बाद लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन
कई अन्य लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. एक ने लिखा, ‘भाई इससे हैलोवीन टर्मिनेटर को आसानी से हिला सकते हैं.’ तीसरे अन्य ने कमेंट बॉक्स में लिखा, ‘मुझे पता है कि हर कोई साइंस-फाई के बारे में सोच रहा है, लेकिन मैं सोच रहा हूं कि यह कैंपिंग के लिए कितना आसान होगा.’ यह पहली बार नहीं है कि ब्रायन स्टेनली ने साइबोर्ग आंख (Cyborg Eye) बनाई है, उन्होंने इससे पहले एक कृत्रिम आंख (Artificial Eyes) बनाई थी जिसमें फिल्म ‘टर्मिनेटर’ में अर्नोल्ड श्वार्जनेगर के कैरेक्टर की तरह ही चमक थी. उनका कहना है कि नया रंग उन्हें ‘पावर स्टोन’ की याद दिलाता है.