ABC News: उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने गए जिला अधिकारी का एक बेतुका बयान भी सामने आया है. वायरल हुए वीडियो में डीएम कह रहे है कि हम जोमाटो सीरीज नहीं चला रहे है कि घर तक खाना पहुंचाएंगे. मदद लेनी है तो बाढ़ चौकी तक आना ही होगा. इसीलिए बाढ़ चौकी स्थापित किया जाता है और सरकार जोमाटो नहीं चला रही है.
अंबेडकर नगर में इस समय घाघरा उफान पर है और विकराल रूप धारण कर लिया है. बाढ़ का पानी अब गांवों में पहुंच गया है और घरों में घुस गया है, जिससे लोगों को बाढ़ चौकियों और राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. प्रशासन भी बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने के लिए लग गया है. बाढ़ चौकियां और राहत शिविर स्थापित कर आवश्यक वस्तुओं को पहुंचा रहा है. जिले की दो तहसील टांडा और आलापुर के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है. बाढ़ से पहले फैसले प्रभावित हुई. उसके बाद ज्यों ज्यों घाघरा का जल स्तर बढ़ रहा है पानी गांवों में पहुंच गया है. अब लोगों के घरों भी बाढ़ का पानी घुसने से ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों को अपने और परिवार के साथ पशुओं की चिंता भी सता रही है. अपने खाने की व्यवस्था करे या फिर जानवरों के चारे की. यह यक्ष प्रश्न बन कर उनके सामने खड़ा हो गया है. वर्तमान के साथ भविष्य की भी चिंता सता रही है. लोग घरों की छत रह रहे है. पूरी गृहस्थी छोड़कर राहत कैंप में जाना भी आसान नहीं है. बाढ़ का विकराल रूप लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोग भयभीत है. टांडा में गांव के साथ साथ शहर में भी पानी पहुंच गया है. घाघरा के बढ़े जलस्तर से गांवों में पानी घुसने के बाद प्रशासन भी सतर्क हुआ है. बाढ़ चौकिया और राहत शिविर स्थापित कर लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. डीएम, एडीएम, एसडीएम से लेकर राजस्व विभाग की टीम लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. टांडा क्षेत्र के डीएम राहत सामग्री दवा आदि पहुंचाने का दावा कर रहे है. अवसनपुर और महरीपुर गांव में पहुंचे और बताया की कुछ घरों में पानी घुस गया है. 3 से 4 फुट तक पानी घुस गया है. बाढ़ से घिरे लोगों से अपील की जा रही है कि वे बाढ़ चौकियों पर आ जाएं. यहां सभी सुविधाए उपलब्ध करा दी गई है. मेडिकल कैंप भी लगाया गया है और रिलीफ किट भी बांटा जा रही है.