अंधविश्वास ने एक बेटी को पिता पुनर्जीवित करने के लिए बलि के लिये नवजात चुराने को मजबूर कर दिया

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ABC NEWS: एक पुत्री का अपने पिता के प्रति अटूट स्नेह एक अन्य माता पिता के लिए मुसीबत का सबब बन गया. 25 साल की श्वेता के पिता के देहांत से इस कदर हिल गई कि वह इस बात में विश्वास करने लगी कि उसके मृत पिता को पुनर्जिवित किया जा सकता है. अक्टूबर 2022 में श्वेता के पिता की मौत हो हई थी. अंतिम संस्कार के दिन किसी ने श्वेता को बताया कि यदि समान लिंग के शिशु की बलि दी जाए तो उसके पिता को पुनर्जिवित किया जा सकता है. इस अंधविश्वास के प्रति श्वेता को इतना विश्वास था कि वह इसके लिए बच्चे की तलाश में जुट गई.

बलि के लिए बच्चे को हासिल करने के लिए सफदरजंग अस्पताल के प्रसूति वार्ड में गई और नवजात बच्चे और मां के लिए एक एनजीओ में काम करते हुए अपना परिचय दिया. पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए वह अक्सर शिशु और उसके परिवार से मिलने जाती थी. तय साज़िश के तहत 10 नवंबर को उसने अपनी बातों से बच्चे की माँ को प्रेरित किया और उसे बाहर जाने के लिए बच्चे को सौंपने के लिए कहा. जब वह बच्चे को घर से बाहर ले जा रही थी तो मां ने अपनी 21 वर्षीय भतीजी को महिला के साथ जाने के लिए कहा. उसके बाद अपहरणकर्ता नीम चौक, गढ़ी आया और पीड़िता की भांजी रितु के साथ नवजात को अपनी स्विफ्ट कार में ले गई. रास्ते में अपहरणकर्ता ने रितु को कोल्ड ड्रिंक पिलाई, जिससे वह बेहोश हो गई.

बाद में, अपहरणकर्ता ने रितु को यूपी के गाजियाबाद में रास्ते में फेंक दिया, जहां होश में आने के बाद उसने अपने परिवार को सूचित किया कि बच्चे का अपहरण कर लिया गया है. इसके बाद पुलिस कॉल की गई. जांच के दौरान आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के बाद, अपहरणकर्ता के वाहन के पंजीकरण नंबर का पता लगाया गया और उसका पता और विवरण सामने आया. उस स्थान पर छापेमारी की गई थी लेकिन आरोपी फरार था. पुलिस ने आरोपी को एक गुप्त सूचना पर गिरफ्तार कर लिया. आरोपी श्वेता पर पहले भी दो केस दर्ज है.

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