रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद को जवाब देने वाली रोली तिवारी और ऋचा सिंह को सपा ने निकाला

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ABC NEWS: रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान पर टिप्पणी करना महिला सपा नेता रोली तिवारी और ऋचा सिंह को भारी पड़ गया. समाजवादी पार्टी ने स्वामी पर टिप्पणी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार को सपा ने रोली सिंह और ऋचा सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. दरअसल रोली तिवारी ने रामचरितमानस के पन्नों को जलाने और उस पर कुछ नेताओं के लगातार अपशब्दों का प्रयोग करने पर पार्टी की ओर से कोई विरोध नहीं किए जाने पर भी नाराजगी जताई थी. वहीं सपा की युवा नेता ऋचा सिंह ने भी स्वामी द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिए गए विवादि बयान को लेकर ट्वीट के जरिए कड़ी नाराजगी जता चुकी हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रोली तिवारी और ऋचा सिंह पर हुई कार्रवाई से ये पूरी तरह से साफ हो गया है कि  स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव का पूरा समर्थन है. इसी के चलते ये कार्रवाई की गई है.

बतादें कि रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार निशाने पर हैं। स्वामी पर दूसरे पार्टी के नेताओं के अलावा खुद उनकी पार्टी के लोगों ने हमला बोला है. उन्हीं नेताओं में रोली तिवारी और ऋचा सिंह भी शामिल हैं। दोनों की महिला नेता लगातार स्वामी पर हमला बोलती चली आ रही हैं. कभी ट्वीट के जरिए तो कभी सार्वजनिक तौर पर दोनों महिला नेताओं ने स्वामी पर हमला बोल चुकी हैं.

ट्वीट के जरिए रोली सिंह ने स्वामी पर साधा था निशाना

कुछ दिन पहले ही सपा नेता रोली तिवारी ने रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य को ट्वीट पर घेरा था. रोली तिवारी ने ट्वीट कर लिखा था ब्राह्मण खतरे में है? हालांकि तीन साल पहले भी रोली तिवारी ब्राह्मणों को लेकर ट्वीट कर चुकी हैं. पहले ट्वीट में सपा नेता रोली तिवारी ने लिखा, जातीय जनगणना महत्वपूर्ण कार्य है. जनगणना होगी तो वंचितों शोषितों के लिए योजनाएं बनेंगी. सामाजिक समता समानता की बात होगी. रोली तिवारी ने सपा नेता पर आरोप लगाते हुए कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य इस मुहिम का सत्यानाश करने पर लगे हैं. उन्होंने आगे कहा, स्वामी प्रसाद आज फिर रामचरितमानस पर आ गए और जब तक ये मेरे धर्मग्रंथ पर बोलेंगे मैं इन्हें नहीं छोडूंगी. इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, ये सनातन धर्म के लिए संक्रमण काल है, पर जिस धर्म का अस्तित्व 6000 वर्षों से कोई नहीं मिटा पाया उसे चंद वोटों के लिए दलाल क्या मिटा पाएंगे?

स्वामी प्रसाद को लेकर ऋचा ने किए थे कई ट्वीट
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष और सपा नेता डॉ ऋचा सिंह भी रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर स्वामी को घेर चुकी हैं. स्वामी के बयान को लेकर ऋचा ने 21 जनवरी को पहली बार ट्विटर पर लिखा था, ‘रामचरित मानस की जिन पंक्तियों को लेकर आप आपत्ति कर रहे हैं, सच यह है कि आप ने उन पंक्तियों को सही परिपेक्ष्य और उचित भावार्थ के साथ नहीं पढ़ा.’ दूसरे दिन ऋचा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर फिर ट्वीट किया, ‘छद्म समाजवादी @ swamipmaury जी को लोहिया जी के समाजवाद को पढ़ना चाहिए जो समाजवाद और श्रीराम में सामंजस्य देखते हैं. ‘23 जनवरी को ऋचा ने लिखा, ‘दलितों और वंचितों के नाम पर सत्ता की मलाई खाने वाले, जाति के नाम पर राजनीति करने वाले SwamiPMaury आज तक किसी दलित और वंचित का हित किए हों तो पहले उस पर बात करें. उनके विचारों से तो उनकी बेटी ही सहमत नही हैं. बाकी किताब प्रतिबंध करना, उनकी बुद्धि और शक्ति सीमा के परे है.’

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