ABC NEWS: आज नई संसद में कार्यवाही का दूसरा दिन है. लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है. सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में बिल के प्रावधानों के बारे में सदन में जानकारी दी. इसके बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है.
मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया था. इस पर चर्चा के लिए सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक 7 घंटे का समय तय किया गया है. कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी लोकसभा में बोल रही हैं. वहीं, बीजेपी की ओर से बोलने वालों में स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण और दीया कुमारी के नाम शामिल हैं. बिल पर हंगामा होने के भी आसार हैं. महिला आरक्षण बिल पर सियासत भी तेज हो गई है. विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने बिल को मोदी का एक और स्टंट करार दिया, तो AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए कोटा न होना इसकी बड़ी खामी है.
चर्चा में निशिकांत दुबे के बोलने पर कांग्रेस सांसदों का हंगामा
सोनिया गांधी के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी. हालांकि, उनके खड़े होने पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया और महिला सांसद से चर्चा का जवाब देने की मांग की. इस पर अमित शाह ने कहा कि क्या पुरुष महिलाओं की चिंता नहीं कर सकते. इसके बाद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी. निशिकांत दुबे ने कहा कि उनकी मांग देवघर एम्स में भर्ती हैं, और उन्होंने फोन करके उनसे कहा है कि अगर सरकार उन्हें इस बिल पर चर्चा का मौका दे, तो वे जरूर अपनी बात रखें.
निशिकांत दुबे ने कहा, हम बिल लाए तो कांग्रेस को दिक्कत है. कांग्रेस ने इस आरक्षण बिल का लालीपॉप बनाए रखा. महिलाओं को अधिकार मिलकर रहेगा. कांग्रेस ने अपने सरकार में आरक्षण क्यों नही दिया? मुझे लग रहा था कि सोनिया गांधी बोल रही थीं तो वे राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी. मैं उनका सम्मान करता हूं. इस बिल को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई तो वो हैं पश्चिम बंगाल की गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने. लेकिन आपने उनका एक बार भी जिक्र नहीं किया.
निशिकांत दुबे ने कहा, जो गोल मारता है, वो उसी के नाम से जाना जाता है. ये बिल पीएम मोदी लेकर आए हैं, इसलिए उन्हीं का गोल माना जाएगा. इसमें क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं.
सुनाया 2011 में हुए हंगामे का किस्सा
निशिकांत दुबे ने कहा, 2009 में सांसद बनकर आया. राजनाथ से लेकर अनुराग ठाकुर के साथ काम करने का मौका मिला. 2010 में ये बिल पास हो गया, 2011 में ये लागू नहीं करना चाहते थे, लेकिन ये लेकर आए. जब बिल पेश किया जा रहा था. तब इनके सहयोगी दलों के सांसद को इसी बेल में इन कांग्रेस के सांसदों ने पीटा था. तब सबसे पहले सोनिया गांधी ने उनकी कॉलर पकड़ी थी और इनके साथ वाले सांसदों ने उन्हें पीटा था. तब मुलायम सिंह ने कहा था कि बीजेपी के सांसद नहीं होते, तो हमारा सांसद नहीं बचता है.