सावन अधिक मास की शिवरात्रि आज: बेहद महत्वपूर्ण है शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना, जानें 5 खास बातें

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ABC NEWS: आज 14 अगस्त 2023 सावन अधिक मास की शिवरात्रि है. आज का दिन बेहद खास माना जा रहा है. क्योंकि आज सोमवार है जो भोलेनाथ की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. आज के दिन मासिक शिवरात्रि भी है. साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र भी बन रहा है. भोलेनाथ की पूजा के लिए निशिता मुहूर्त देर रात 12:02 बजे से मध्य रात्रि 12:48 बजे तक है. आज के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के कई लाभ हैं. जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेल के पेड़ की उत्पत्ति माता पार्वती के पसीने से मानी जाती है. माना जाता है बेल के पेड़ में माता पार्वती के सभी रूप वास करते हैं. बेल पेड़ की पत्तियों में माता पार्वती, तनें में माहेश्वरी, फूलों में गौरी, शाखाओं में दक्षिणायनी, जड़ में गिरजा, फलों में कात्यानी और बेल के समस्त पेड़ में मां लक्ष्मी का वास होता है.

शिवपुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति बेल का पेड़ लगाता है उसकी वंश वृद्धि होती है. वहीं जो व्यक्ति बेल के पेड़ को काटता है वह व्यक्ति अनेक तरह के दुखों और पापों से घिरने लगता है. इसके अलावा जो व्यक्ति बेल के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान भोलेनाथ या शिवलिंग की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति सुखी जीवन जीने की इच्छा रखता है उसे घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में बेल का पेड़ लगाना चाहिए. इससे मनुष्य को यश की प्राप्ति होती है. इसके अलावा घर की उत्तर-दक्षिण दिशा में बेल का पेड़ लगाने से सुख शांति की प्राप्ति होती है, वहीं मध्य में लगाना जीवन में मिठास घोल देता है.

शिवपुराण में उल्लेख मिलता है कि यदि किसी मृतक के शव को बेल के पेड़ की छाया से अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाए तो उसे मोक्ष और शिवलोक प्राप्त होता है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद और पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए बेल के पेड़ में नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए.

बिल्वाष्टक स्तोत्र में कहा गया है कि बेल के पेड़ को स्पर्श और दर्शन करने मात्र से मानव जाती के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. यहां तक कि भगवान शिव को एक बेलपत्र चढ़ाने मात्र से अघोर पापों से भी मुक्ति मिल सकती है. “दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम्, अघोरपापसंहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्”.

शुभ मुहूर्त
अधिकमास कृष्ण चतुर्दशी की तिथि 14 अगस्त 2023 यानी आज सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शुरू और इस तिथि का समापन 15 अगस्त यानी कल दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगा. पूजा का समय रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा (15 अगस्त 2023). साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी होने जा रहा है जिसका समय सुबह 11 बजकर 07 मिनट से 15 अगस्त सुबह 05 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.

शिवरात्रि पूजन विधि
अधिकमास की मासिक शिवरात्रि 3 साल में एक बार आती है. ऐसे में इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.  इसके बाद भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. भगवान शिव का जलाभिषेक करें. शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं. धतूरा, बेलपत्र, शहद, दही, चंदन अर्पित करें. इस दिन शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें.

अधिकमास शिवरात्रि उपाय
1. धन और समृद्धि के लिए शिवरात्रि के दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और इसकी रोजाना विधिवत तरीके से पूजा करें.

2. शिवरात्रि के दिन पूजा में 21 बेल पत्र पर चंदन से ‘ ऊं नमः शिवाय ‘ लिख कर भगवान शिव को समर्पित करें. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं.

3. जिन लोगों के जीवन में वैवाहिक जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही हो उन्हें शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को गुलाब की पंखुड़ियों को अर्पित करने की सलाह दी जाती है.

प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी

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