आज शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ, शिव कृपा पाने का उत्तम शुभ मुहूर्त

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ABC NEWS: आज 17 मई बुधवार का दिन भगवान शिव की कृपा पाने का एक उत्तम अवसर है. आज के दिन ज्येष्ठ माह का प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत एक साथ हैं. आज व्रत और शिव पूजा से अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. ये दोनों ही व्रत भगवान भोलेनाथ के लिए रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है. आज आप एक व्रत से दोनों ही व्रतों का पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त के बारे में.

ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि 2023
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज 17 मई को रात 10 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ हो रही है और यह कल 18 मई को रात 09 बजकर 42 मिनट तक मान्य है. ऐसे में शिवरात्रि पूजा का निशिता मुहूर्त आज 17 मई को है, इसलिए ज्येष्ठ की मासिक शिवरात्रि आज मनाई जा रही है.

ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त
वैसे तो शिवरात्रि की पूजा प्रात:काल से ही प्रारंभ हो जाती है, लेकिन इसकी निशिता मुहूर्त की प्रधानता है. ऐसे में ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि की पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 57 मिनट से देर रात 12 बजकर 38 मिनट तक है. इस पूजा मुहूर्त के समय रात्रि का चर-सामान्य मुहूर्त 11:00 बजे से लेकर 12 बजकर 17 मिनट तक है.

सौभाग्य योग में मासिक शिवरात्रि पूजा
मासिक शिवरात्रि की रात्रि पूजा सौभाग्य योग में है. रात 09 बजकर 18 मिनट से कल सुबह तक सौभाग्य योग है. इससे पहले आज दिन में आयुष्मान योग है.

प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त
जो लोग प्रदोष व्रत की पूजा करना चाहते हैं, वे आज शाम को 07 बजकर 06 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट के मध्य शिव पूजा कर सकते हैं. यह प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त है. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम को करनी चाहिए.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
आज आप प्रदोष और शिवरा​त्रि व्रत हैं तो शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, अक्षत्, गंगाजल, गाय के दूध, शहर, चंदन, धूप, दीप, गंध आदि से करें. फिर शिव चालीसा का पाठ करें और शिवरात्रि व्रत कथा सुनें. उसके बाद शिव जी की आरती करें. अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करके व्रत को पूरा करें.

शिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से शिव कृपा प्राप्त होती है. भोलेनाथ के आशीर्वाद से कष्ट और रोग मिटते हैं. मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और कार्य सफल होते हैं.

 

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