ABC News: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है. शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर मचा घमासान अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले पर अब एनसीपी चीफ शरद पवार का बयान सामने आया है और उन्होंने इस बार पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि एक विचारधारा और पार्टी देश में भाईचारे को खत्म कर रही है.
But someone complained to the Election Commission and the Election Commission gave a verdict and allotted the Shiv Sena and its symbol to someone else from those who formed this party. This is a big attack on political parties: NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/CNaO4paXz0
— ANI (@ANI) February 22, 2023
उन्होंने कहा, “अटल बिहारी बाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब देश की संस्था पर इस तरह का हमला नहीं हुआ था. नरेंद्र मोदी की हुकुमत में देश की संस्था पर हमला हुआ. आज की हुकुमत दूसरे राजनीतिक दल को काम नहीं करना देना चाहती है. चुनाव आयोग का इस्तेमाल हो रहा है. ये राजनीतिक दल पर हमला है. चुनाव आयोग ने ऐसा कभी फैसला नहीं दिया था. पहली बार इस तरह का चुनाव आयोग का फैसला देखा.” इसके अलावा, शरद पवार ने कांग्रेस और एनसीपी के बीच हुई लड़ाई को भी याद किया और कहा, “शिवसेना को बालासाहेब ठाकरे ने बनाया था और उसका चुनाव चिन्ह आयोग ने किसी और को दे दिया. कांग्रेस के साथ मेरी भी लड़ाई हुई थी. पार्टी और चुनाव चिह्म को लेकर लेकिन उस समय चुनाव आयोग का फैसला सही था.”
Today the Election Commission and other organizations are giving decisions that the ruling government wants. Today, the organization which is working in the country under Modi’s leadership thinks they will keep the power in their hand: NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/xJUpZiQXq5
— ANI (@ANI) February 22, 2023
उन्होंने आगे बताया कि बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद शिवसेना की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी जाएगी. पवार ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि “चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया था. यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है. हमने चुनाव आयोग द्वारा ऐसा फैसला पहले कभी नहीं देखा. इस दौरान शरद पवार ने देश की केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले दे रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है. आज देश में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो संस्था काम कर रही है, वह सोचती है कि सत्ता उनके हाथ में रहेगी.