ABC NEWS: बरेली में मीरगंज के एसडीएम उदित पवार ने श्मशान भूमि पर कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचे फरियादी को दफ्तर में मुर्गा बना दिया. प्राथमिक जांच में दोषी एसडीएम को मीरगंज से हटाकर जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम ने नौकरशाहों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है. सोशल मीडिया पर लोग एसडीएम की खूब आलोचन कर रहे हैं.
मीरगंज तहसील क्षेत्र के मंडनपुर के ग्रामीण श्मशान भूमि पर कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचे थे. उन्होंने एसडीएम को बताया कि गांव में श्मशान भूमि पर दूसरे समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया है. ग्रामीणों ने पैमाइश कराकर श्मशान की भूमि अलग करने की मांग की.
आरोप है कि शिकायत सुनकर भड़के एसडीएम ने एक फरियादी को मुर्गा बनवा दिया. अन्य लोगों से भी अभद्रता की. वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इस घटनाक्रम का वीडियो बना लिया. फरियादी को मुर्गा बनाने व अपशब्द कहने के प्रकरण का संज्ञान लेकर डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने उनको वहां से हटाकर मुख्यालय से अटैच किया है,
कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश
डीएम ने बताया कि एसडीएम उदित पवार ने कार्यालय में फरियादी को जमीन पर बैठाकर उसका अपमान किया. प्रथमदृष्टया यह लापरवाही है. उन्हें एसडीएम मीरगंज के पद से हटाते हुए जिला मुख्यालय से संबद्ध किया गया है. उनकी जगह अपर उपजिलाधिकारी देश दीपक सिंह को एसडीएम मीरगंज बनाया है. कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने भी प्रकरण की जांच के निर्देश दिए हैं.
एसडीएम ने दी यह सफाई
एसडीएम उदित पवार ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने शिकायतकर्ता को ‘मुर्गा’ बनने के लिए नहीं कहा था. वह खुद ही उनकी मेज के आगे जमीन पर ‘मुर्गा’ बन गया. साथ आए लोगों ने वीडियो बनाकर साजिश के तहत वायरल कर दिया. उधर, वायरल वीडियो में एसडीएम हंसते हुए दिख रहे हैं. आरोप है कि उन्होंने एक बार भी युवक को उठाने की कोशिश नहीं की.