ABC News: जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने धोखे से, जबरन, धमकाकर, गिफ्ट या पैसे के दम पर धर्मांतरण करने को नियंत्रण करने करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है. इसके साथ ही जस्टिस शाह और कृष्ण मुरारी की एक पीठ ने भारत संघ, गृह मंत्रालय और कानून और न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किए हैं.
Supreme Court issues notice to the Centre on a plea seeking direction to Centre and State governments to take stringent steps to control “fraudulent religious conversion or conversion by intimidation, threatening, deceivingly luring through gifts and monetary benefits.”
— ANI (@ANI) September 23, 2022
इस मामले पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से 14 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. ये याचिका अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. इस याचिका में केंद्र और राज्यों को जबरन, धोखे से, पैसे का लालच देकर, उपहार देकर, धमकाकर धर्मांतरण कराने के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की गई है. अधिववक्ता अश्विनी उपाध्याय कहा है कि ये एक पूरे देश की समस्या है जिससे तत्काल निपटने की जरूर है. याचिका में कहा गया है कि ये नागरिकों पर होने वाली बहुत बड़ी चोट है क्योंकि देश का एक भी ऐसा जिला नहीं है जहां पर जबरन, धोखे, पैसा का लालच देकर या फिर उपहार देकर धर्मांतरण न किया गया हो. अश्वनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि देश में हर हफ्ते ऐसी घटनाएं हो रही हैं जहां धमकाकर, धोखे से, उपहारों के जरिए, रुपये या आर्थिक लाभ देकर, काला जादू करके, अंधविश्वास के जरिए, यहां तक कि चमत्कारों का प्रयोग करके धर्मांरण किया जा रहा है लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं. इसके अलावा, इस याचिका में भारत के कानून आयोग को एक रिपोर्ट तैयार करने के साथ-साथ इस पर एक कानून बनाने की भी मांग की गई है जिससे कि धर्मांरण को रोका जा सके.