ABC News: अर्जुन तेंदुलकर ने अपने रणजी में डेब्यू मैच में शतक लगाकर अपने पिता सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी की है. अब इस पर सचिन तेंदुलकर ने बेटे की उपलब्धि पर खुलकर बात की है. सचिन ने कहा कि एक प्रसिद्ध क्रिकेटर की संतान होना आसान नहीं होता. सचिन ने अर्जुन पर दबाव ना डालने का आग्रह किया है.
Father’s first reaction pic.twitter.com/MAGGjBeIuX
— Venkata Kutumba Rama Murthy Madduri (@KutumbaRama) December 15, 2022
एक कार्यक्रम के दौरान सचिन से उनके बेटे के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया. इसके उत्तर में सचिन ने अपने पिता रमेश तेंदुलकर के साथ एक भावनात्मक क्षण को भी याद किया और कहा, “एक पिता के रूप में मुझे याद है कि मेरे पिता ने किसी को बताया था, जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया था, कि सचिन का पिता कहलाने से उन्हें बहुत गर्व हुआ.” सचिन ने आगे कहा, “अर्जुन का बचपन सामान्य नहीं रहा है, एक क्रिकेटर का बेटा होना, जो काफी समय से साथ है, यह इतना आसान नहीं है और यही कारण है कि जब मैंने क्रिकेट से सन्यास लिया तो मैंने एक संदेश दिया कि अर्जुन को क्रिकेट से प्यार करने का मौका दें, उसे अवसर दें. उस पर कोई दबाव न बनाएं.” तेंदुलकर ने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे बाहर जाने और खुद को अभिव्यक्त करने की आजादी दी, अपेक्षाओं का कोई दबाव नहीं था. यह केवल प्रोत्साहन और समर्थन था. हम खुद को बेहतर बना सकते हैं और यही मैं चाहता था कि वह कर. मैं उससे कहता रहा कि यह चुनौतीपूर्ण होने वाला है.” अर्जुन ने अपने प्रथम श्रेणी डेब्यू में गोवा के लिए शतक लगाया. 23 साल के अर्जुन ने गोवा की तरफ से खेलते 207 गेंद पर 120 रन की पारी खेली. अर्जुन ने अपनी पारी के दौरान 12 चौके और दो छक्के लगाए. अर्जुन ने अपने पिता सचिन की तहर अपने रणजी के डेब्यू मैच में शतक लगाया. सचिन ने 1988 में रणजी ट्रॉफी की शुरुआत में ही शतक बनाया था.