ABC NEWS: सनातन धर्म में हर पूजा पाठ के दौरान नारियल का उपयोग किया जाता है. नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब देव और दानव के बीच समुद्र मंथन हुआ था तब भगवान विष्णु पृथ्वी पर अपने साथ नारियल का बीज लेकर आए थे. तभी से श्रीफल को बेहद शुभ और पवित्र माना जाने लगा है. अक्सर आपने देखा होगा पूजा-पाठ के दौरान पुरुष ही नारियल फोड़ते हैं, कोई भी महिला को नारियल तोड़ते नहीं देखा होगा. इसके पीछे क्या मान्यता है क्यों स्त्री का नारियल फोड़ना वर्जित है आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से-
लोक मान्यता
हमेशा आपने पुरुषों को ही धार्मिक आयोजन के दौरान नारियल फोड़ते देखा होगा. महिलाओं का नारियल फोड़ना सनातन धर्म में अशुभ माना जाता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार नारियल एक पवित्र फल जिसे एक बीज के रूप में देखा जाता है. सनातन धर्म में बीज को भ्रूण से जोड़कर देखा जाता है. महिला को प्रकृति से मां बनने का वरदान प्राप्त है. जिस तरह महिला अपने बच्चे से बहुत प्रेम करती है उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं ठीक उसी तरह महिला बीज रूपी नारियल को भी नहीं फोड़ सकती. नारियल को फोड़ना संतान को नुकसान पहुंचाने जैसा माना जाता है. यही कारण है कि महिलाओं का नारियल फोड़ना वर्जित माना जाता है. परंतु पंडित जी का यह भी कहना है कि यह सिर्फ लोकमत है. महिलाओं द्वारा नारियल न फोड़ने के पीछे किसी भी तरह के कोई धार्मिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं.
यह भी है मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाओं का नारियल फोड़ना संतान के लिए कष्टकारी माना जाता है. बच्चे के भविष्य में अनेक तरह की परेशानियां आ जाती हैं जिससे उबरना बेहद मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा बच्चों की तरक्की में भी बाधाएं उत्पन्न होती हैं.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी