ABC NEWS: लखनऊ में सिविल सर्विस (UPSC) की तैयारी कर रहे छात्र ने सुसाइड कर लिया. छात्र ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार तीन पुलिसकर्मियों को ठहराया है. मामला रहीमाबाद थानाक्षेत्र का है.
मामला संज्ञान में आते ही डीजीपी ने दो सब इंस्पेक्टर सहित एक कांस्टेबल को लाइन हाजिर करने के आदेश दिए. साथ ही इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, रहीमाबाद थाना क्षेत्र का रहने वाला 22 वर्षीय आशीष कुमार लखनऊ में रहकर सिविल सर्विस की कोचिंग ले रहा था. छात्र की मां सुशीला देवी ने बताया कि उसके पति महादेव के खिलाफ गांव के ही रहने वाले नंदू विश्वकर्मा और श्यामलाल ने फर्जी मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद चारों पुलिसकर्मी महादेव से मामले को रफा-दफा करने की एवज में पांच हजार रुपये की मांग कर रहे थे.
जब महादेव ने रुपये देने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने उनके दोनों बेटों आशीष और मयंक के खिलाफ भी फर्जी केस दर्ज कर लिया. इसी बात से आशीष काफी परेशान चल रहा था. मां ने बताया कि उनका बेटा आशीष पढ़ने में काफी होशियार था. पुलिस उसे बार-बार परेशान कर रही थी. इस वजह से वह पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा था.
उसे इस बात से काफी अपमानित महसूस हो रहा था. जिसके चलते रविवार शाम को उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया. काफी देर तक जब बेटे ने दरवाजा नहीं खोला तो हमें शक हुआ. हमने जैसे-तैसे दरवाजा तोड़ा तो कमरे में आशीष की लाश फंदे से लटकी मिली.
मृतक आशीष की मां ने रहीमाबाद थाने में सब इंस्पेक्टर राजमणि पाल और ललन पाल सहित कांस्टेबल मोहित शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. इसके खिलाफ उन्होंने नंदू विश्वकर्मा और श्यामलाल के खिलाफ भी आरोप लगाया है. सुशीला देवी ने कहा कि यह सब इन दोनों के कारण ही हुआ है. क्योंकि इन लोगों ने झूठा केस दर्ज करवाया था. जिस कारण पुलिस हमें परेशान कर रही थी.
वहीं, पुलिस को जो सुसाइड मिला है उसमें आशीष ने लिखा है ‘मेरी मौत के जिम्मेदार तीनों पुलिसकर्मी, नंदू विश्वकर्मा और श्यामलाल हैं. उन्होंने झूठा केस दर्ज करवाया और मुझे परेशान किया. इसलिए मैं सुसाइड करने जा रहा हूं.’