ABC NEWS: बांदा के अवांरा गांव के पास चंद्रावल नदी में मछुआरों के जाल में पांच दिन पहले बेशकीमती मूर्ति फंस गई. बड़ी मछली फंसने की सोच मछुआरों ने जाल खींचा और मूर्ति देख घर लेकर चले गए. वह बेचने की योजना बना रहे थे, तभी ग्रामीणों को भनक लग गई जिसके बाद पुलिस ने सोमवार को मूर्ति को एक ग्रामीण के घर से अपने कब्जे में ले लिया. ग्रामीण श्रीरामचंद्र की मूर्ति बताते हैं. पुलिस का कहना है कि मूर्ति को कब्जे में लेकर मालखाना में जमा किया गया है. मूर्ति किसकी है, यह अभी पता नहीं चला है. यह कहीं से बहकर आ गई है। एसडीएम ने बताया कि पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा गया है, उनके जांच करने के बाद प्राचीनता आदि के बारे में पता चलेगा. प्रारंभिक रूप से मूर्ति अष्टधातु की मालूम पड़ रही है.
अवांरा गांव के पास चंद्रावल नदी में मछुआरे गुरुवार को मछली पकड़ रहे थे तभी जाल में एक मूर्ति फंस गई। बेशकीमती मूर्ति को मछुआरे अपने घर ले गए. मूर्ति को बेचने की भनक लगने पर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दे दी. प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पता लगाया जा रहा था. गांव के ही रामस्वरूप के घर होने की सूचना पुष्ट होने पर हेड कांस्टेबल राजेंद्र मिश्रा धीरेंद्र सिंह, प्रहलाद भार्गव व शैलेंद्र प्रताप के साथ मूर्ति बरामद कर ली गई है. उसे मालखाने में जमा कर दिया गया। मूर्ति पर जनेऊ का भी निशान है, जिससे लगता है कि श्रीरामचंद्र की प्रतिमा है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.